जम्मू-कश्मीर की रतले जलविद्युत परियोजना से राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड ने बिजली खरीदने के लिए समझौता किया। इस समझौत पत्र पर 3 जनवरी, 2024 को रतले हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में जयपुर में हस्ताक्षर किए गए।
- इसके तहत आरएचपीसीएल, राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड को 40 वर्षों की अवधि के लिए बिजली प्रदान करेगी।
रतले हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के बारे में:
- रतले जलविद्युत परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित है। आरएचपीसीएल 1 जून, 2021 को निगमित एक सार्वजनिक कंपनी है।
- आरएचपीसीएल, एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेकेएसपीडीसी) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। आरएचपीसीएल में इन दोनों की क्रमशः 51% और 49% की इक्विटी हिस्सेदारी है।
- आरएचपीसीएल ने किश्तवाड़ स्थित प्लांट से उत्पन्न 850 मेगावाट बिजली के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास और आईटी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक बिजली खरीद समझौता किया है।
- आरएचपीसीएल को 850 मेगावाट रतले जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए निगमित किया गया है।
रतले जलविद्युत परियोजना (आरएचपी) के बारे में:
- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में चिनाब नदी पर स्थित है।
- आरएचपी में 133 मीटर लंबा बाँध और एक-दूसरे से सटे दो बिजली स्टेशन शामिल हैं।
- तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जून 2013 में इस बाँध की आधारशिला रखी थी।
- आरएचपी के सन्दर्भ में पाकिस्तान अक्सर आरोप लगाता रहता है कि यह परियोजना सिंधु जल संधि, 1960 का उल्लंघन करती है।
- पाकिस्तान ने वर्ष 2013 में बाँध के निर्माण पर आपत्ति दर्ज करते हुए दावा किया था कि यह सिंधु जल संधि के अनुरूप नहीं है। परन्तु भारत को बाँध बनाने की अनुमति विश्व बैंक ने अगस्त 2017 में दे दी थी।
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बारे में:
- मुख्यालय-फरीदाबाद
- एनएचपीसी लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा जल विद्युत विकास संगठन है। इसमें जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा से लेकर परिचालित होने तक सभी गतिविधियों को संचालित करने की क्षमता है। एनएचपीसी ने सौर और पवन ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भी विविधता लाई है।
- एनएचपीसी लिमिटेड को 1975 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित किया गया था। कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से अपने सभी पहलुओं में बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने का अधिकार है।
- एनएचपीसी 2009 में अपने आईपीओ को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद BSEऔर NSE पर एक सूचीबद्ध कंपनी है।