Home > Current Affairs > National > Rajnath Singh approves AMCA to build India’s 5th Gen. Fighter Aircraft

राजनाथ सिंह ने भारत के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए AMCA को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 28-05-2025
Rajnath Singh approves AMCA to build India’s 5th Gen. Fighter Aircraft Defence 5 min read

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य भारत के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का निर्माण करना है। मार्च 2024 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने एएमसीए के डिजाइन और विकास को मंजूरी दी थी। भारतीय वायु सेना का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान वर्तमान में राफेल है, जो फ्रांस के डसॉल्ट एविएशन का 4.5-पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। स्वदेशी रूप से विकसित तेजस एमके-1ए को भी 4.5-पीढ़ी का बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान होने का दावा किया जाता है।

एएमसीए को कौन डिजाइन करेगा? 

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) एएमसीए के तहत विकसित किए जाने वाले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को डिजाइन करेगी। 
  • एडीए  ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी डिजाइन किया है, जिसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया जा रहा है।

निजी क्षेत्र को आमंत्रण 

पहली बार निजी कंपनियां भी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण में भाग ले सकती हैं, जिसे एडीए  डिजाइन करेगा।

  • रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एडीए द्वारा डिजाइन किए गए एएमसीए  के प्रोटोटाइप को विकसित करने के लिए एचएएल को भी अन्य निजी कंपनी के साथ बोली लगानी होगी। 
  • अब तक, भारत में लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए केवल सरकारी स्वामित्व वाली एचएएल  का ही उपयोग किया जाता रहा है। 
  • यह सरकार की 2014 में शुरू की गई मेक इन इंडिया पहल और 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है, जिसमे  निजी क्षेत्र को भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • देश में  रक्षा क्षेत्र को 2011 में निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया था।

देश जिनके पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं

फिलहाल दुनिया में सिर्फ़ तीन देशों के पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं।

  • अमेरिका के पास F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें अमेरिका में लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है।
  • चीन के पास J-20 माइटी ड्रैगन है, जिसे चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन ने बनाया है। वह J-35 विमान भी विकसित कर रहा है।
  • रूस के पास SU-57 है, जिसे रूस के सुखोई डिज़ाइन ब्यूरो ने विकसित किया है।

पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान

लॉकहीड मार्टिन का F-22 रैप्टर दुनिया का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है।

  • इसके बेहतर डिज़ाइन ने इसकी स्टेल्थ क्षमता को बढ़ा दिया है, जिससे इसे रडार पर पहचान पाना लगभग असंभव हो गया है।
  • विमान उन्नत सॉफ़्टवेयर से लैस है जो लड़ाकू पायलट को उसके परिवेश की 360 डिग्री की तस्वीर देता है। 
  • इसका मतलब है कि पायलट को दुश्मन के विमान की मौजूदगी का पता लगाने के लिए विमान को दुश्मन के विमान की दिशा में मोड़ने की ज़रूरत नहीं है।
  • पायलट दुश्मन के विमान पर हमला कर उसे नष्ट कर सकता है, इससे पहले कि दुश्मन को उसकी उपस्थिति का पता चले।
  • यह एक बहु-भूमिका वाला विमान है जिसमें दृश्य सीमा से परे मिसाइलें, काउंटर-इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट आदि हैं।
  • बहु-भूमिका वाले विमान हवा से हवा में लड़ाई कर सकते हैं और जमीन पर लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं।
  • ये विशेषताएँ पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को अपने विरोधियों पर बढ़त दिलाती हैं और युद्ध में हवाई प्रभुत्व सुनिश्चित करती हैं।

 महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

  • एएमसीए /AMCA: एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft )
  • एडीए/ADA: एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency)
  • एचएएल /HAL : हिंदुस्तान ऐरोनौटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited)

FAQ

उत्तर: उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए

उत्तर: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए)

उत्तर: तीन- अमेरिका के पास F-22, F-35 लाइटनिंग -11, चीन के पास J-20 और रूस के पास SU-57 है।

उत्तर: मीडियम - एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए)
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.