मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हथकरघा एवं खादी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 3 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जयपुर में राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह-2023 का उद्घाटन किया।
आयुक्त, उद्योग एवं वाणिज्य कार्यालय और राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 के लिए एजेंसियों का समन्वय कर रहे हैं। नेशनल हैण्डलूम वीक के इस आयोजन के माध्यम से हथकरघा एवं खादी क्षेत्र के उत्पादकों को विकास में सहायक होने का मौका मिलेगा।
राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति- 2022 में यह प्रावधान किया था कि इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष किया जायेगा। इससे राज्य के हैण्डलूम उत्पादों के प्रति राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खरीददार आकर्षित होंगे। साथ ही, राज्य के हथकरघा बुनकरों व खादी के विभिन्न उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत ने बताया कि नेशनल हैण्डलूम वीक के आयोजन से प्रदेश के बुनकर, हथकरघा एवं खादी क्षेत्र के उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के उत्पादों और उनसे जुड़े दस्तकारों के उत्थान के लिए राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति-2022 जारी की गई है।
राज्य के प्रमुख हथकरघा उत्पाद कोटा डोरिया साड़ी, पट्टू, खेस, रेजा, लट्ठा, बरदी, कंबल, लोई, शॉल, धुंध पट्टी, दरी, कालीन आदि हैं।
परिषद को भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक कंपनी के रूप में शामिल किया गया है। आरईपीसी भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों और राजस्थान सरकार की नीतियों के अनुसार राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
राजीव अरोड़ा राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष हैं।