अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बढ़ते व्यापार तनाव और वैश्विक अनिश्चितता का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.2% कर दिया है। आईएमएफ ने 2026-27 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने विकास अनुमान को भी घटाकर 6.3% कर दिया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में अनुमानित कमी के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आईएमएफ के अनुसार, 2025 में विश्व अर्थव्यवस्था में 2.8% की वृद्धि होने की उम्मीद है। जनवरी के अपने पूर्वानुमान में इसने 3.3% की विकास दर का अनुमान लगाया था। यह कोविड-19 महामारी के बाद से विश्व अर्थव्यवस्था में सबसे कम विकास दर होगी।
आईएमएफ को उम्मीद है कि 2024 में विश्व अर्थव्यवस्था 3.3% बढ़ेगी।
विश्व अर्थव्यवस्था और भारत के लिए ये अनुमान आईएमएफ द्वारा 22 अप्रैल, 2025 को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट के अपने नवीनतम संस्करण में लगाए गए थे।
आईएमएफ के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की धमकी से प्रेरित वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिर रहने की उम्मीद है।
आईएमएफ के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपने व्यापारिक देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने का खतरा पिछले सदी में अभूतपूर्व घटना है और इसके कारण विश्व में अत्यधिक अप्रत्याशित वैश्विक आर्थिक वातावरण बन गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 1944 में स्थापित एक वैश्विक बहुपक्षीय विकास संस्था है।
आईएमएफ़ भुगतान संतुलन या आर्थिक संकट का सामना कर रहे सदस्य देशों के लिए अंतिम ऋणदाता है।
सदस्य देश -191
मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी, यूएसए
प्रबंध निदेशक: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
आईएमएफ़ /IMF: इंटरनेशनल मोनेटरी फ़ंड (International Monetary Fund)
डबल्यूईओ/WEO: वर्ल्ड इकोनाॅमिक आउटलुक (World Economic Outlook)