अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफ़सी) ने महिला सूक्ष्म वित्त (माइक्रोफाइनेंस) उधारकर्ताओं को ऋण प्रदान करने के लिए एचडीएफसी बैंक को 500 मिलियन डॉलर का ऋण प्रदान किया है। यह जानकारी एचडीएफसी बैंक द्वारा 17 मई 2024 को प्रदान की गई थी।
भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक ऋण राशि का उपयोग उन महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) को ऋण प्रदान करने के लिए करेगा जो एक स्थायी आजीविका पहल में लगे हुए हैं।
भारत में सूक्ष्म वित्त पर गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) और छोटे वित्त बैंकों का वर्चस्व है। एनबीएफसी एसएचजी या जेएलजी को उच्च दर पर ऋण प्रदान करते है। बैंक को CASA (चालू खाता और बचत खाता) जमा के रूप में सस्ते निधि मिलथा है इस कारण वो महिला एसएचजी या जेएलजी को सस्ता ऋण प्रदान कर सकते हैं।
सूक्ष्म वित्त (माइक्रोफाइनेंस) से तात्पर्य ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवा से है, जो पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली द्वारा उन्हे प्रदान नहीं की जाती है।
सूक्ष्म वित्त को वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, गरीब और कम आय वाले परिवारों को गरीबी से बाहर आने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में सक्षम बनाने के लिए एक आर्थिक उपकरण के रूप में डिजाइन किया गया है।
सूक्ष्म वित्त एक समग्र शब्द है जो विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है, जैसे
बांग्लादेश के मुहम्मद यूनुस को दुनिया में माइक्रोफाइनेंस का अग्रणी माना जाता है। उन्होंने गरीबों, विशेषकर महिलाओं को ऋण प्रदान करने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन, ग्रामीण बैंक की स्थापना की। 2006 में उन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सूक्ष्म ऋण से तात्पर्य उधारकर्ता को दी जाने वाली छोटी राशि के ऋण से है। ऋण किसी समूह या व्यक्ति को प्रदान किया जा सकता है।
आरबीआई ने सूक्ष्म वित्त में सूक्ष्म ऋण को 3 लाख रुपये तक की वार्षिक घरेलू आय वाले परिवार को दिए जाने वाले संपार्श्विक-मुक्त ऋण के रूप में परिभाषित किया है।
यहां, संपार्श्विक-मुक्त ऋण का मतलब है कि उधारकर्ता के पास ऋण के विरुद्ध ऋणदाता को कोई गिरवी रखने के कोई ज़रूरत नहीं होता ।
सूक्ष्म ऋण की एक विशेषता यह है कि ऋण एसएचजी/जेएलजी नामक समूह को दिया जाता है। भले ही ऋण समूह के किसी सदस्य द्वारा लिया गया हो, ऋण की अदायगी की जिम्मेदारी समग्र रूप से समूह की होती है।
लघु सहायता समूह (एसएचजी)
नाबार्ड स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 10-20 व्यक्तियों के छोटे अनौपचारिक समूहों के रूप में परिभाषित करता है जो समान सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं और मुख्य रूप से एक ही गांव या इलाके में रहते हैं।
पहाड़ी इलाकों और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में एसएचजी बनाने के लिए कम से कम 5 सदस्यों की आवश्यकता होती है।
सदस्यों के बीच बचत की आदतों और मितव्ययिता को बढ़ावा देने के लिए, उन्हें बचत के रूप में समूह में नियमित रूप से एक छोटी राशि का योगदान करना होता है।
ऋण राशि एसएचजी द्वारा बचाई गई राशि पर निर्भर करती है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम विश्व बैंक समूह का एक हिस्सा है और इसकी स्थापना 1956 में की गई थी।
यह सदस्य देशों की सरकार को नहीं बल्कि निजी क्षेत्र को ऋण प्रदान करता है।
यह निजी कंपनियों के शेयरों और ऋण उपकरणों में निवेश करता है।
मुख्यालय: वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका।
महानिदेशक: मुख्तार डिओप
सदस्य देश: 186
यह भारतीय स्टेट बैंक के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक है।
एचडीएफसी बैंक भारत में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है।
इसने जनवरी 1995 में अपना काम शुरू किया ।
मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र
एमडी और सीईओ: शशिधर जगदीशन
टैग लाइन: हम आपकी दुनिया को समझते हैं।
आईएफसी/ IFC: इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन (International Finance Corporation)
एसएचजी /SHG: सेल्फ हेल्प ग्रुप (Self Help Group)
जेएलजी/JLG : जाइंट लाईबिल्टी ग्रुप (Joint Liability Group)