आई2यू2 समूह के सदस्य देश ,भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अंतरिक्ष में एक संयुक्त उद्यम शुरू करने पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं । संयुक्त अंतरिक्ष उद्यम शुरू करने का निर्णय संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के मौके पर लिया गया था।
आई2यू2 समूह जिसे पश्चिम एशियाई क्वाड भी कहते हैं ,के सदस्य देश आर्टेमिस समझौते के हस्ताक्षरकर्ता हैं।
क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा संवाद भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है। क्वाड के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करना है।
आर्टेमिस समझौता को संयुक्त राज्यअमरीकी सरकार के विदेश विभाग (विदेश मंत्रालय) द्वारा अमेरिकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के साथ 13 अक्टूबर, 2020 को ,7 भाग लेने वाले देशों के साथ लॉन्च किया गया था।
आर्टेमिस समझौता एक गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों को तय करता है जो पृथ्वी के चंद्रमा, मंगल ग्रह और क्षुद्रग्रहों जैसे खगोलीय पिंडों के शांतिपूर्ण उपयोग और अन्वेषण में सहयोग प्रदान करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा, आर्टेमिस कार्यक्रम के अन्य संस्थापक सदस्य ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्ज़मबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम हैं । जून 2023 तक इसके 27 सदस्य देश हैं।
भारत 21 जून, 2023 को 27वें सदस्य देश के रूप में आर्टेमिस कार्यक्रम में शामिल हुआ।
आई2यू2 समूह में भारत, इज़राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
आई2यू2 समूह की स्थापना 2021 में इन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद की गई थी।
आई2यू2 नेताओं की पहली शिखर बैठक 14 जुलाई, 2022 को वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।
आई2यू2 का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र और विश्व के अन्य क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के सहयोग को बढ़ावा देना और गहरा करना है।
सहयोग के छह चिन्हित क्षेत्र जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा हैं।
समूह का लक्ष्य विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र की पूंजी और विशेषज्ञता जुटाना है, जिसमें बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, कम कार्बन विकास मार्गों को आगे बढ़ाना और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार शामिल है।
आई2यू2 ने भारत के लिए $2 बिलियन के निवेश और तकनीकी सहायता की घोषणा की है। इसमें गुजरात और मध्य प्रदेश में एक कृषि पहल और गुजरात में एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए समर्थन शामिल है।