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भूजल पुनर्भरण में 15 अरब घन मीटर की वृद्धि: जल शक्ति मंत्रालय

Utkarsh Classes Last Updated 01-01-2025
Groundwater recharge up by 15 billion cubic meters:Jal Shakti Ministry Report 4 min read

देश में भूजल पुनर्भरण में 2017 से 2024 के बीच की अवधि में 15 बिलियन क्यूबिक मीटर की वृद्धि हुई है और भूजल निष्कर्षण में 3 बिलियन क्यूबिक मीटर की कमी दर्ज़ की गई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने अपनी गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2024 में, 31 दिसंबर 2024 तक, देश में भूजल पुनर्भरण की नवीनतम स्थिति जारी की है।

भूजल मूल्यांकन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडबल्यूबी) द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से किया गया था।

गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट का अनावरण किसने किया?

गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट का अनावरण केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल द्वारा 31 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में की गई।

गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2024 के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं;

  • देश में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण -446.90 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है।
  • देश में वार्षिक दोहन योग्य भूजल संसाधन - 406.19 बीसीएम।
  • सभी उपयोगों के लिए वार्षिक भूजल निष्कर्षण - 245.64 बीसीएम।
  • देश के लिए भूजल दोहन का औसत स्तर 60.47% है।
  • पिछले पांच आकलनों में टैंकों, तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं से पुनर्भरण में लगातार वृद्धि देखी गई है।2023 की तुलना में 2024 में भूजल पुनर्भरण वृद्धि 0.39 बीसीएम थी।
  • 2017 से टैंकों, तालाबों और डब्ल्यूसीएस से पुनर्भरण में 11.36 बीसीएम की वृद्धि (2017 में 13.98 बीसीएम से बढ़कर 2024 में 25.34 बीसीएम हो गई है)।
  • सुरक्षित श्रेणी के तहत मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉक / मंडल / तालुका) का प्रतिशत 2017 में 62.6% से बढ़कर 2024 में 73.4% हो गया है (2023 में यह 73.14% था)। 
  • अति शोषित मूल्यांकन इकाइयों का प्रतिशत 2017 में 17.24% से घटकर 2024 में 11.13% हो गया है (2023 में यह 11.23% था)।

भूजल पुनर्भरण क्या है?

सामान्य अर्थ में, भूजल पुनर्भरण से तात्पर्य मिट्टी के माध्यम से भूमिगत जल स्तर तक पानी के नीचे की ओर प्रवाह की प्रक्रिया से है।

पानी का प्रवाह बारिश या बर्फ के पिघलने के कारण हो सकता है जो असंतृप्त क्षेत्रों से नीचे की ओर रिसता है।

पानी, नदी के तल, झीलों या वर्षा जल संचयन के लिए कृत्रिम रूप से निर्मित जल संरचनाओं आदि के माध्यम से भी रिसता है।

पानी निकालने से तात्पर्य पीने, सिंचाई, औद्योगिक उद्देश्यों आदि के लिए कुओं, ट्यूबवेल आदि के माध्यम से भूमिगत जल स्तर से पानी को बाहर निकालना है।

जब भूजल पुनर्भरण की दर पानी के निष्कर्षण की दर से कम होती है तो इससे भूमिगत जल स्तर में गिरावट आती है जिससे जल संकट पैदा होता है।

FAQ

उत्तर: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय

उत्तर: 31 दिसंबर 2024 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल द्वारा नई दिल्ली।

उत्तर: केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडबल्यूबी), केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से।

उत्तर: 15 बिलियन क्यूबिक मीटर। 2024 में देश में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 446.90 बिलियन क्यूबिक मीटर था।
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