Home > Current Affairs > National > MoU between India & Indonesia on Non-Basmati White Rice Trade

भारत और इंडोनेशिया के बीच गैर-बासमती सफेद चावल व्यापार पर समझौता ज्ञापन

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
MoU between India & Indonesia on Non-Basmati White Rice Trade Agreements and MoU 4 min read

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गई।

समझौता ज्ञापन की मुख्य बिन्दु 

  • भारत इंडोनेशिया को प्रति वर्ष प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय मूल्य पर एक मिलियन मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल की आपूर्ति करेगा।
  • समझौता ज्ञापन की अवधि चार वर्ष होगी और इसे स्वचालित रूप से चार वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा।
  • इंडोनेशिया को चावल की आपूर्ति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड द्वारा की जाएगी।
  • राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड निर्यात के लिए चावल की खरीद सहकारी समितियों से करेगा।

चावल के निर्यात से भारत के इंडोनेशिया से व्यापार संतुलन में सुधार होने की संभावना है जो इंडोनेशिया के पक्ष में है। 

2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 29.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। इंडोनेशिया को भारत का निर्यात 5.99 बिलियन डॉलर और आयात 23.4 बिलियन डॉलर था। 

इंडोनेशिया भारत का आठवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत इंडोनेशियाई कोयले और कच्चे पाम तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।

भारत से चावल का निर्यात

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत बासमती और गैर-बासमती सफेद चावल,दोनों तरह केचावल  का निर्यात करता है।

बासमती चावल एक प्रीमियम चावल है और 2023-24 में भारतीय बासमती चावल के प्रमुख निर्यात गंतव्य सऊदी अरब, ईरान इराक, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और यमन थे।

2023-24 में गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात 37804.48 करोड़ रुपये या 4570.06 मिलियन डॉलर था। प्रमुख निर्यात बाजार बेनिन, गिनी, टोगो, कोटे डी आइवर और वियतनाम थे।

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध

भारत में चावल की कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 20 जुलाई 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

निर्यात की अनुमति केवल उन देशों के लिए थीं , जिन्होंने अपनी खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार से भारतीय चावल के लिए अनुरोध किया है।

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भारत सरकार द्वारा सितंबर 2024 में हटा दिया गया था, लेकिन चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 490 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया गया है।

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के बारे में

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) की स्थापना 2023 में बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत एक बहु-राज्य सहकारी समिति के रूप में की गई थी।

इसे गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है।

कार्य

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड देश के सहकारी क्षेत्र द्वारा निर्यात के लिए एक छत्र संगठन है।

मुख्यालय: नई दिल्ली

प्रबंध निदेशक: अनुपम कौशिक

FAQ

उत्तर: राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड

उत्तर: प्रति वर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन।

उत्तर: 2023. यह एक बहु-राज्य सहकारी समिति है।

उत्तर: नई दिल्ली
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.