ब्रिटिश रॉयल नेवी के एफ़-35 बी लाइटनिंग II लड़ाकू विमान ने ईंधन की कमी और प्रतिकूल मौसम की वजह से 14 जून 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग की। केरल में मानसून सक्रिय हो गया है और राज्य में भारी वर्षा हो रही है तथा अरब सागर में परिस्थिति प्रतिकूल बन गई है।
एफ़ -35 बी लाइटिंग II ने यूनाइटेड किंगडम के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्सएचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स विमान वाहक जहाज़ से उड़ान भरी, जो अरब सागर में केरल तट से लगभग 100 समुद्री मील दूर तैनात है।
एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स यूनाइटेड किंगडम के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जिसमें एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और एचएमएस रिचमंड शामिल हैं, जिन्होंने 9 और 10 जून 2025 को उत्तरी अरब सागर में भारतीय नौसेना के साथ पैसेज एक्सरसाइज (पाससेक्स) में भाग लिया था।
एफ-35 बी लाइटनिंग II ने 14 जून 2025 को एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भरी थी और यह भारतीय वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के बाहर एक नियमित अभ्यास कर रहा था।
विमान के पायलट ने उस समय भारत को संकट संकेत भेजा जब वह प्रतिकूल मौसम के कारण, जहाज पर उतरने में असमर्थ हो गया था और जब विमान का ईंधन कम होने लगा। पायलट ने भारत को संकट संकेत भेजकर उतरने की अनुमति मांगी।
भारतीय वायु सेना एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) ने विमान को सुरक्षित रूप से निकटतम तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचाया, जहाँ विमान को रखा गया है।
विमान को भारतीय वायु सेना द्वारा सभी रसद, भोजन और अन्य सुविधाएँ प्रदान की गई हैं और विमान कड़ी सुरक्षा के बीच में है।
कैरियर स्ट्राइक समूह के ब्रिटिश तकनीशियन विमान की हाइड्रोलिक प्रणाली की मरम्मत करने में असमर्थ रहे और उम्मीद है कि इसे रॉयल एयर फोर्स के सी-17 ग्लोब मास्टर III पर मरम्मत के लिए यूनाइटेड किंगडम वापस ले जाया जाएगा।
एफ़-35, एक एकल इंजन स्टील्थ लड़ाकू विमान है जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने बनाया है। यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान है जो अमेरिकी वायु सेना के एफ़-16 और ए -10, अमेरिकी नौसेना के एफ़/ए 18, अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के एवी -8B हैरियर औरएफ़/ए -18 तथा यू.के. हैरियर जीआर 7 और सी हैरियर की जगह लेगा।
यह विमान अमेरिकी सहयोगियों को बेचा गया है और इसे भारत को भी पेश किया गया है।
हालाँकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी तकनीकें अपने किसी भी सहयोगी के साथ साझा नहीं की हैं।
एफ़ -35 दुनिया के सबसे महंगे विमानों में से एक है जिसकी कीमत इसकी सहायक संरचना को मिलकर करीब 110 मिलियन डॉलर प्रति विमान है।
भारतीय नौसेना ने 9 और 10 जून 2025 को यूनाइटेड किंगडम के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ एक पैसेज एक्सरसाइज (पाससेक्स) अभ्यास किया।
भारतीय नौसेना ने अपने स्टील्थ फ्रिगेटआईएनएस तबर, एक पनडुब्बी और अपने लंबी दूरी के समुद्री टोही गश्ती विमान पी 8आई को तैनात किया।
ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप जिसमें इसका प्रमुख विमानवाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड शामिल हैं, ने पाससेक्स में भाग लिया।
दोनों नौसेनाओं ने इस अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास,सामरिक युद्धाभ्यास, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर नियंत्रण और दोनों नौसेनाओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों का आदान-प्रदान शामिल था।