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भूपेन्द्र यादव ने कतर्नियाघाट में घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

Utkarsh Classes Last Updated 21-06-2025
Bhupendra Yadav Launches Gharial Conservation Programme at Katarniaghat Environment 4 min read

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने 20 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के बहराइच के कतर्नियाघाट में गेरुआ नदी में सात, एक वर्षीय घड़ियाल के बच्चे छोड़कर घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य घड़ियालों का प्रजनन स्थल है और गेरुआ नदी घड़ियालों के लिए आदर्श आवास है। 

भूपेंद्र यादव ने ट्रांस गेरुआ स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र का भी निरीक्षण किया और संरक्षण कार्यों की समीक्षा की।

भारत में घड़ियाल और इसके संरक्षण प्रयास

भारतीय घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की सूची में गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

घड़ियाल भारत में स्थानिक है और यह गंगा की तीन सहायक नदियों- भारत में चंबल और गेरुवा नदी (जिसे गिरवा नदी के रूप में भी जाना जाता है) और नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी में पाया जाता है।

एक समय,उत्तर भारत की नदियों में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले जंगली घड़ियाल की जनसंख्या में काफी कमी आ गई है और एक अनुमान के अनुसार इनकी आबादी करीब 800 है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले चंबल नदी पर राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में वैश्विक घड़ियाल आबादी का लगभग 77% हिस्सा रहता है।

देश में घड़ियाल अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्थित हैं।

उत्तर प्रदेश में कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य घड़ियाल के बच्चों का एक प्रमुख बंदी प्रजनन स्थल है।

संरक्षण प्रयास

1975 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से मगरमच्छ परियोजना शुरू की।

शुरू में यह कार्यक्रम सफल रहा और देश में घड़ियालों की आबादी में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई।

1996 में भारत सरकार ने इस परियोजना को सफल घोषित करते हुए इसके लिए दी जाने वाली धनराशि बंद कर दी।

हालाँकि, 2006 में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला कि देश में केवल 200 जंगली घड़ियाल ही बचे हैं।

2007 में आईयूसीएन ने  घड़ियालों की स्थिति को लुप्तप्राय से बदलकर गंभीर रूप से संकटग्रस्त कर दिया।

भारत सरकार ने इस लुप्तप्राय होती प्रजाति और उसके आवास की रक्षा के लिए फिर से घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

घड़ियाल

वैज्ञानिक नाम - गेवियलिस गैंगेटिकस।

यह मगरमच्छ की एक अनोखी प्रजाति है।

इसकी पहचान इसकी लंबी, पतली थूथन और थूथन के अंत में बल्बनुमा घुंडी होती है।

यह बल्बनुमा घुंडी,  घड़ा जैसी दिखती है इसलिए इसका नाम घड़ियाल पड़ा है।

स्थिति - वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध औरआईयूसीएन के  रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्राणी।

FAQ

उत्तर: 20 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के बहराइच में कतर्नियाघाट में गेरुआ नदी में ।

उत्तर: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान।

उत्तर: 1975, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से। इसे 1996 में बंद कर दिया गया था।
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