संयुक्त राज्य अमेरिका ने 22 जून 2025 को ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ,ईरान के फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में स्थित तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने बी-2 रणनीतिक बमवर्षक विमन करते हुए इन परमाणु स्थलों पर जीबीयू--57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) या बंकर बस्टर बम गिराए।
यह इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रवेश को चिह्नित करता है, जिसकी शुरुआत 13 जून को इजरायल द्वारा "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" कोड नाम के तहत परमाणु और सैन्य स्थल पर हमला करने से हुई थी।
ईरान, जो परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है, पर इजरायल ने परमाणु हथियार बनाने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी बी-2 स्पिरिट रणनीतिक बमवर्षक विमान ने व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस, मिसौरी, संयुक्त राज्य अमेरिका से उड़ान भरी और ईरान पहुंचने के लिए लगभग 18 घंटे की उड़ान भरी। अमेरिकी वायुसेना के टैंकरों ने बीच हवा में ही इसमें ईंधन भरा ताकि यह ईरान पहुँच सके।
जब बी-2 बमवर्षक विमान ईरानी हवाई क्षेत्र में पहुंचा, तो एक अमेरिकी पनडुब्बी ने इस्फ़हान स्थल के सतह पर स्थित बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों के खिलाफ दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक लैंड-अटैक क्रूज मिसाइलों को लॉन्च किया।
बी-2 बमवर्षकों ने फोर्डो और नतांज़ स्थलों पर बंकर बस्टर बम गिराए।
केवल तीन देशों के पास रणनीतिक बमवर्षक विमान हैं: संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन।
बी-2 स्पिरिट दुनिया का सबसे महंगा सैन्य विमान है, जिसके विमान की कीमत 2.21 बिलियन डॉलर है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन द्वारा केवल 21 ऐसे विमान बनाए गए हैं।
विमान पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
इसकी स्टील्थ क्षमता इसे दुश्मन की सबसे परिष्कृत सुरक्षा को भेदने और उसके सबसे मूल्यवान और भारी सुरक्षा वाले लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम बनाता है।
अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, बी-2 की उड़ान सीमा लगभग 6,000 समुद्री मील (9,600 किलोमीटर) है लेकिन हवा में फिर से ईधन भरने की क्षमता के कारण यह बमवर्षक दुनिया भर में लगभग किसी भी लक्ष्य तक पहुँच सकता है।
बी-2 बमवर्षक एकमात्र विमान है जो ईरान की सबसे सुरक्षित फोर्डो परमाणु सुविधा को नुकसान पहुंचाने में सक्षम जीबीयू -57बी बम ले जाने में सक्षम है, जो एक पहाड़ के अंदर ,एक बहुत ही गहराई में बनाया गया है।
प्रत्येक बी-2 बमवर्षक दो जीबीयू -57/ बी बम ले जा सकते है।
जीबीयू -57/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम,विश्व में सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है।
इसका पहली बार ईरान में इस्तेमाल किया गया था।
जीबीयू का मतलब है "गाइडेड बम यूनिट" (एक सटीक बम जो अपने लक्ष्य पर निशाना साध सकता है), और यह ऐसे बमों की श्रृंखला में 57वाँ डिज़ाइन है।
बम को अच्छी तरह से संरक्षित सुविधाओं में स्थित दुश्मनों के सामूहिक विनाश के हथियारों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
13 टन से अधिक वजन वाला यह बम छह मीटर ऊँचा है और 200 फीट कंक्रीट या आधारशिला को भेदने में सक्षम है।
माना जाता है कि ईरान की फ़ोर्डो सुविधा एक पहाड़ के नीचे, 260 से 300 फीट की प्रबलित कंक्रीट चट्टान के नीचे स्थित है, जो वायु-रक्षा बैटरियों की एक रिंग से घिरी हुई है।
इज़राइल के पास फ़ोर्डो सुविधा को नष्ट करने की क्षमता नहीं है इसलिए उसने अमरीका से मद्दद मांगी थी।
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