केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 23 जून 2025 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क) बम विस्फोट की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयरलैंड गणराज्य के कॉर्क में अहाकिस्ता मेमोरियल में आयोजित स्मारक सेवा में भाग लिया।
कनिष्क नामक एयर इंडिया का विमान, जिसकी उड़ान संख्या 182 थी, 23 जून 1985 को मॉन्ट्रियल, कनाडा से लंदन और दिल्ली होते हुए मुंबई के लिए उड़ा था। जब यह विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर ,आयरलैंड के तट के पास स्थित अकाहिस्ता के पास था, तब इसमे विस्फोट हुआ और नष्ट हो गया।
यह बम,विमान में कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा लगाया गया था और इस आतंकवादी हमले में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे।
अहाकिस्ता में 40वीं वर्षगांठ स्मारक समारोह में तीन देशों - आयरलैंड, भारत और कनाडा के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस स्मारक सेवा का नेतृत्व आयरलैंड के प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन ने किया और इसमें हरदीप सिंह पुरी और कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने भाग लिया।
इस स्मारक सेवा में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता और पीड़ितों के परिवार भी शामिल हुए।
इस अवसर पर बोलते हुए, हरदीप सिंह पुरी ने खुफिया जानकारी साझा करने, कट्टरपंथ का मुकाबला करने और आतंकवाद के वित्तपोषण को बाधित करने के माध्यम से आतंकवाद के संकट से लड़ने में भारत और कनाडा के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया।
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बाबर खालसा पर कनिष्क बम विस्फोट की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। बब्बर खालसा के संस्थापक सदस्य तलविंदर सिंह परमार इस हमले के मास्टरमाइंड थे। उन्होंने कनाडा के नागरिकों की मदद से इस हमले को अंजाम दिया, जिन्होंने कनाडा में विमान के कार्गो में बम लगाया था।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरएमसीपी) ने अपराध की जांच की और 2005 में अदालत ने दो आरोपियों को बरी कर दिया था।
केवल ब्रिटिश-कनाडाई नागरिक इंद्रजीत सिंह रेयात को बम बनाने और लगाने का दोषी ठहराया गया।
तलविंदर सिंह परमार 1992 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।
कनिष्क बम विस्फोट को कनाडा में सबसे बड़ी आतंकवादी घटना माना जाता है।