भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (डबल्यूपीआई) के आधार वर्ष को संशोधित करने और साथ ही मौजूदा डबल्यूपीआई से उत्पादक मूल्य सूचकांक में संक्रमण के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया है।
वर्तमान डबल्यूपीआई का आधार वर्ष 2011-12 है और इसे 2022-23 में बदला जाना है।
इस कार्य समूह की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा 2 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी की गई।
कार्य समूह 18 महीने के भीतर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में आर्थिक सलाहकार के कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
कार्य समूह के प्रमुख और इसकी संरचना
कार्य समूह का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद करेंगे और इसमें 16 अन्य सदस्य और एक सदस्य सचिव शामिल होंगे।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी ) के उप महानिदेशक कार्य समूह के सदस्य सचिव होंगे।
कार्य समूह के विचारार्थ विषय
कार्य समूह के विचारार्थ विषय रमेश चंद कार्य समूह के विचारार्थ विषय निम्नलिखित हैं।
- अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों के आलोक में 2022-23 आधार वर्ष के साथ डबल्यूपीआई और पीपीआई में शामिल की जाने वाली वस्तुओं का सुझाव देना।
- मूल्य संग्रह की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करना और उसमें परिवर्तन सुझाना।
- डबल्यूपीआई/पीपीआई के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति का सुझाव देना।
- मूल्य और जीवन-यापन लागत के सांख्यिकी पर तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा अनुमोदित पीपीआई के संकलन की पद्धति की जांच करना और इसमें और सुधार का सुझाव देना।
- डबल्यूपीआई से पीपीआई में परिवर्तन के लिए रोडमैप की सिफारिश करना।
- डबल्यूपीआई/पीपीआई की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आवश्यक किसी भी अन्य सुधार का सुझाव देना।
डबल्यूपीआई,सीपीआई और पीपीआई के बारे में
वर्तमान में, देश में दो मुद्रास्फीति सूचकांक हैं डबल्यूपीआई और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई )।
डबल्यूपीआई
- डबल्यूपीआई वस्तुओं के औसत थोक मूल्यों को दर्शाता है।
- इसमें केवल मूल मूल्य शामिल हैं और इसमें कर, छूट/व्यापार छूट, परिवहन और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं।
- इसे उत्पादक-स्तरीय सूचकांक भी कहा जाता है।
- डबल्यूपीआई में केवल सामान शामिल हैं और सेवाएँ शामिल नहीं हैं।
- इसका उपयोग नाममात्र जीडीपी से वास्तविक जीडीपी की गणना करने के लिए जीडीपी डिफ्लेटर के रूप में किया जाता है।
- डबल्यूपीआई के मासिक आंकड़े डीपीआईआईटी , केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई)
- सीपीआई को खुदरा मुद्रास्फीति भी कहा जाता है।
- इसमें उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की औसत कीमत शामिल होती है।
- सीपीआई का उपयोग सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को लक्षित करने, वेतन संशोधन, महंगाई भत्ते आदि के लिए किया जाता है।
- सीपीआई के मासिक आंकड़े, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक रूप से जारी किया जाता है।
प्रस्तावित उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई)
- पीपीआई उत्पादन के विभिन्न चरणों में कीमतों पर नज़र रखकर वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादकों के दृष्टिकोण से थोक मूल्यों को मापता है।
- पीपीआई में सेवा क्षेत्र भी शामिल होगा जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है और इसे डब्ल्यूपीआई की गणना में शामिल नहीं किया जाता है।
- अधिकांश विकसित देशों में, आर्थिक गतिविधि के उपायों को संकलित करने के लिए पीपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत राष्ट्रीय लेखा प्रणाली (एसएनए) के अनुसार प्रतिस्थापित किया गया है।
- भारत सरकार पीपीआई के निर्माण के लिए एक उपयुक्त कार्यप्रणाली खोजने की कोशिश कर रही है जो मौजूदा डब्ल्यूपीआई में सुधार करता हो।
- कार्य समूह से एक उपयुक्त कार्यप्रणाली का निर्माण करने की अपेक्षा की जाती है ताकि भारत डब्ल्यूपीआई से पीपीआई में संक्रमण कर सके।
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