भारत की पहली तटीय और जलपक्षी (वेडर पक्षी ) जनगणना 3 से 5 जनवरी 2025 तक गुजरात के जामनगर में स्थित समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य में आयोजित की जाएगी। वेडर पक्षी वे पक्षी हैं जिनके लंबे पैर, लंबी गर्दन और लंबी चोंच होती है, जो उथले पानी में चलने के लिए अनुकूलित होते हैं और मछली, मेंढक आदि पर जीवित रहते हैं। क्रेन, सारस, शूबिल, आइबिस, बगुला और फ्लेमिंगो वेडर पक्षी के कुछ उदाहरण हैं।
तीन दिवसीय जनगणना गुजरात सरकार के वन विभाग द्वारा एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी गुजरात (बीसीएसजी) के सहयोग से की जा रही है।
जनगणना के पहले दिन वन और वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा भाषण दिए जाएंगे, दूसरे दिन पक्षियों की गिनती शुरू होगी और तीसरे दिन ज्ञान साझा करने और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
कच्छ की खाड़ी, जामनगर,गुजरात में , भारत का पहला समुद्री अभयारण्य 1980 में और 1982 में पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान स्थापित किया गया था।
यह जामनगर जिले के उत्तरी तट और कच्छ के दक्षिणी तट पर स्थित 42 उष्णकटिबंधीय द्वीपों का एक द्वीपसमूह है।
समुद्री राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 163 वर्ग किमी और समुद्री अभयारण्य 458 वर्ग किमी है।
भौगोलिक विशेषता
यह अभयारण्य अंतरज्वारीय क्षेत्र में स्थित है। अंतरज्वारीय क्षेत्र उस क्षेत्र को कहते हैं जहाँ उच्च और निम्न ज्वार के दौरान समुद्र, भूमि से मिलती है। उच्च ज्वार के दौरान भूमि क्षेत्र जलमग्न हो जाता है और निम्न ज्वार के दौरान भूमि उजागर हो जाता है।
यह क्षेत्र प्रवाल भित्तियों के किनारों से भी समृद्ध है और यहाँ 52 प्रवाल प्रजातियाँ पाई जाती हैं, खास तौर पर पिरोटन, नराला, अजाद और पोसिटारा में।
क्षेत्र में पक्षी प्रजातियाँ
यह क्षेत्र मैंग्रोव वनों से समृद्ध है जो क्षेत्र के पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करता है।
क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख वार्डर पक्षी पेंटेड स्टॉर्क, डार्टर और ब्लैक-नेक्ड आइबिस, एवोसेट्स और फालारोप्स हैं।
इस क्षेत्र में गल्स, टर्न, किंगफिशर, ऑस्प्रे, मार्श हैरियर, पल्लास फिश ईगल जैसे मछली पकड़ने वाले पक्षी भी पाये जाते हैं।
यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से मध्य एशियाई प्रवासी पक्षियों के फ्लाईवे का हिस्सा है।
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