प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद थे।
ग्रामीण भारत महोत्सव 4-9 जनवरी 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। ग्रामीण भारत महोत्सव सरकार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्योग के नेताओं को एक समृद्ध और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के निर्माण के तरीकों और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
ग्रामीण भारत महोत्सव का आयोजन वित्तीय सेवा विभाग, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किया गया है।
ग्रामीण भारत महोत्सव का विषय है “विकसित भारत 2024 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण करना”।
ग्रामीण भारत महोत्सव का आदर्श वाक्य है “गांव बढ़े, तो देश बढ़े”।
ग्रामीण भारत महोत्सव के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
महोत्सव हितधारकों को ग्रामीण विकास के चार प्रमुख स्तंभों - किसानों और कारीगरों के लिए आत्मनिर्भरता; ग्रामीण महिला सशक्तिकरण; ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास; हाशिए पर पड़े ग्रामीण समुदायों के लिए वित्तीय समावेशन- को लागू करने के लिए उपयुक्त रणनीतियों का पता लगाने और बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
महोत्सव ग्रामीण उद्यमियों को अपने ग्रामीण उत्पादों जैसे भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाणित, जैविक, आदिवासी, हथकरघा आदि उत्पाद को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
इससे ग्रामीण उद्यमियों और कारीगरों को संभावित खरीदारों और निवेशकों के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी।
महोत्सव में ग्रामीण विकास पर केंद्रित एक स्तरीय पैनल चर्चा भी आयोजित की जाएगी। इसमें विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ एक साथ आएंगे और जैविक कृषि, ग्रामीण महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने, पूर्वोत्तर के समावेशी विकास आदि जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भारत में एक शीर्ष ग्रामीण वित्तीय संस्थान है।
इसकी स्थापना 1979 में आरबीआई द्वारा गठित बी. शिवरामन समिति की सिफारिश पर की गई थी।
इसकी स्थापना राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 के प्रावधानों के तहत की गई थी।
इसने 12 जुलाई 1982 को अपना परिचालन शुरू किया।
इसका 100% स्वामित्व भारत सरकार के पास है।
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