भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित प्रशांत महासागर के छोटे से देश वानुअतु को 5 लाख डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है। इस सहायता का उपयोग देश में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों में किया जाएगा।
दक्षिण प्रशांत महासागर के द्वीप राष्ट्र वानुअतु में 17 दिसंबर और फिर 22 दिसंबर 2024 को लगातार भूकंप आए।
देश में 7.3 तीव्रता का पहला भूकंप 17 दिसंबर को आया, जिसमें लगभग 14 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। भूकंप से हुई मौतों और तबाही से निपटने के लिए सरकार ने देश भर में एक सप्ताह के लिए सुबह से शाम तक कर्फ्यू लगा दिया था।
देश में 22 दिसंबर 2024 को फिर से 6.1 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया, जिससे देश में दहशत फैल गई।
लगातार आए भूकंपों ने देश के राजधानी पोर्ट-विला में कई वाणिज्यिक, दूतावास और आवासीय भवनों को भारी नुकसान पहुंचाया है तथा एक अस्पताल ढह गया था।
भारत ने 1986 में वानुअतु के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए, हालांकि भारत का इस देश में कोई दूतावास नहीं है।
वर्तमान में न्यूजीलैंड के वेलिंगटन में भारतीय उच्चायोग वानुअतु की देख रेख करता है।
वानुअतु भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफ़आईपीआईसी) का सदस्य है, जिसमें इस क्षेत्र के 13 अन्य देश भी शामिल हैं।
वानुअतु का दौरा करने वाले पहले भारतीय मंत्री पीयूष गोयल थे, जो अक्टूबर 2016 में यहाँ आए थे।
भारत ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए वानुअतु को कई बार वित्तीय सहायता प्रदान की है।
वानुअतु, दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में एक द्वीप राष्ट्र है। देश में 13 मुख्य द्वीप और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।
यह फिजी से लगभग 800 किमी पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया से 1,770 किमी पूर्व में स्थित है।
वनुआतु को 1980 में स्वतंत्रता मिली।
देश की मुख्य आबादी मेलानेशियन है।
राजधानी: पोर्ट-विला
प्रधानमंत्री - चार्लोट सालवाई
मुद्रा- वातु
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