भारत सरकार ने 9 मई, 2025 को नई दिल्ली में चिली के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए संदर्भ शर्तों पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच प्रस्तावित सीईपीए पर बातचीत के लिए रूप रेखा निर्धारित करेगा, ताकि दोनों देशों के बीच के व्यापार और निवेश को और सुदृढ़ और गहरा किया जा सके।
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट की 1 से 6 अप्रैल 2025 तक भारत यात्रा के दौरान भारत और चिली द्वारा सीईपीए पर बातचीत शुरू करने पर सहमति के बाद,इस समझौते पर अब हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौते पर किसने हस्ताक्षर किए?
- भारत-चिली सीईपीए के लिए मुख्य भारतीय वार्ताकार विमल आनंद ने नई दिल्ली में भारत के तरफ से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। वे वाणिज्य विभाग, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं।
- चिली की ओर से भारत में चिली के राजदूत जुआन अंगुलो ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत-चिली के बीच पीटीए से सीईपीए तक
- भारत और चिली ने मार्च 2006 में एक अधिमान्य व्यापार समझौते (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए थे।
- बाद में, पीटीए में और अधिक वस्तुओं को जोड़ कर अधिक विस्तृत किया गया और यह विस्तृत पीटीए 16 मई 2017 को लागू किया गया।
- दोनों देश अपने व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करना चाहते हैं और पीटीए को सीईपीए में बदलना चाहते हैं।
- प्रस्तावित सीईपीए में महत्वपूर्ण खनिज, एमएसएमई (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम), डिजिटल सेवाएं, सीमा पार निवेश आदि शामिल होंगे।
- दोनों देश 26 से 30 मई 2025 तक नई दिल्ली में सीईपीए पर पहले दौर की चर्चा करेंगे।
पीटीए और सीईपीए क्या हैं?
अधिमान्य व्यापार समझौते (पीटीए) और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) दो देशों या ब्लॉकों के बीच समझौते हैं जो चयनित वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क को कम या समाप्त करके व्यापार और निवेश को बढ़ावा देते हैं।
सीईपीए पीटीए की तुलना में अधिक व्यापक है।
अधिमान्य व्यापार समझौता (पीटीए)
- पीटीए में, दो या दो से अधिक देश या व्यापारिक समूह चयनित वस्तुओं पर शुल्क कम करने के लिए सहमत होते हैं।
- भाग लेने वाले देश सकारात्मक वस्तुओं की एक सूची तैयार करते हैं।
- सिर्फ सकारात्मक सूची में शामिल वस्तुओं पर शुल्क कम किए जाते हैं।
- इसमें सभी वस्तुओं, सेवाओं, निवेशों या श्रमिकों की आवाजाही को शामिल नहीं किया जाता है।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए)
- सीईपीए को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) के नाम से भी जाना जाता है।
- इस समझौते में वस्तुओं, सेवाओं और निवेश पर समझौते शामिल होते हैं।
- इसमें बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) समझौते, श्रमिक आंदोलन आदि भी शामिल होते हैं।
- यह पीटीए से ज़्यादा व्यापक होते है।
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