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रक्षा क्षेत्र के सीपीएसई एमआईएल, एवीएनएल और आईओएल को मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा दिया गया

Utkarsh Classes Last Updated 31-05-2025
Defence CPSE MIL, AVNL & IOL Granted Miniratna Category-I Status Economy 4 min read

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) को मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा दिया है।

इन तीन रक्षा सीपीएसई को, मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा दिए जाने के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने के बाद यह दर्जा दिया गया है। 

देश में मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त केंद्रीय पीएसयू की कुल संख्या 52 हो गई है।

मिनीरत्न श्रेणी-II में शामिल सीपीएसई की कुल संख्या 10 है।

मिनिरत्न सीपीएसई

भारत सरकार अपने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को महारत्न, नवरत्न और मिनिरत्न का दर्जा देती है, यदि वे कुछ न्यूनतम वित्तीय मानदंडों को पूरा करते हैं।

यह दर्जा केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा दिया जाता है, जिसके तहत ये सीपीएसई काम करते हैं।

मिनिरत्न दर्जा प्राप्त सीपीएसई को कुछ वित्तीय और प्रबंधकीय स्वायत्तता प्राप्त होते है।

मिनीरत्न सीपीएसई, परिसंपत्तियां और व्यवसाय संचालन के मामले में महारत्न और नवरत्न पीएसयू की तुलना में काफी कम होते हैं।

 मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I और II में विभाजित किया गया है।

मिनीरत्न की श्रेणियाँ

मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I और II में विभाजित किया गया है।

मिनीरत्न श्रेणी-I के लिए मानदंड

  • सीपीएसई  ने पिछले तीन लगातार वर्षों से लाभ अर्जित किया होगा।
  • न्यूनतम कर-पूर्व लाभ कम से कम 30 करोड़ रुपये होना चाहिए।
  • इसकी निवल संपत्ति सकारात्मक होनी चाहिए।

मिनीरत्न श्रेणी-II के लिए मानदंड

  • सीपीएसई  ने पिछले तीन लगातार वर्षों से लाभ अर्जित किया होगा।
  • इसकी निवल संपत्ति सकारात्मक होनी चाहिए।

मिनीरत्न होने के लाभ

  • उन्हें अधिक परिचालन स्वायत्तता मिलती है।
  • वे केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना 500 करोड़ रुपये या अपनी निवल संपत्ति के बराबर पूंजी निवेश कर सकते हैं।
  • वे बिना सरकार की पूर्व स्वीकृति के किसी अन्य कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम बना सकते हैं।

एमआईएल, एवीएनएल और आईओएल के बारे में

रक्षा क्षेत्र में सुधार के तहत भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2021 को रक्षा मंत्रालय के तहत आयुध निर्माणी बोर्ड को सात कंपनियों में विभाजित कर दिया। 

आयुध निर्माणी बोर्ड भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गोला-बारूद, वाहन और अन्य रक्षा उत्पाद बनाता था।

रक्षा मंत्रालय के तहत ये सात रक्षा सीपीएसई इस प्रकार हैं:

म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड

  • गोला-बारूद और विस्फोटक बनाती है।
  • मुख्यालय- खड़की, पुणे, महाराष्ट्र

बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड

  • सशस्त्र बलों के लिए वाहन बनाती है।
  • मुख्यालय- अवाडी, चेन्नई, तमिलनाडु

एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड

  • हथियार और उपकरण बनाती है।
  • मुख्यालय- कानपुर, उत्तर प्रदेश

ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड

  • सैनिकों के लिए आरामदायक सामान बनाती है।
  • मुख्यालय- कानपुर, उत्तर प्रदेश

यंत्र इंडिया लिमिटेड

  • सैन्य ग्रेड के घटक और सहायक उत्पाद बनाती है।
  • मुख्यालय- अंबाझरी, नागपुर, महाराष्ट्र

इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड

  • ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाती है।
  • मुख्यालय- देहरादून, उत्तराखंड

ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड

  • पैराशूट बनाती है।
  • मुख्यालय, कानपुर, उत्तर प्रदेश

FAQ

उत्तर: 52. नवीनतम हैं म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल), और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल)।

उत्तर: खड़की, पुणे, महाराष्ट्र

उत्तर: अवाडी, चेन्नई

उत्तर: देहरादून, उत्तराखंड

उत्तर: 500 करोड़ रुपये, या उनकी निवल संपत्ति के बराबर।
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