केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) को मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा दिया है।
इन तीन रक्षा सीपीएसई को, मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा दिए जाने के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने के बाद यह दर्जा दिया गया है।
देश में मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त केंद्रीय पीएसयू की कुल संख्या 52 हो गई है।
मिनीरत्न श्रेणी-II में शामिल सीपीएसई की कुल संख्या 10 है।
भारत सरकार अपने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को महारत्न, नवरत्न और मिनिरत्न का दर्जा देती है, यदि वे कुछ न्यूनतम वित्तीय मानदंडों को पूरा करते हैं।
यह दर्जा केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा दिया जाता है, जिसके तहत ये सीपीएसई काम करते हैं।
मिनिरत्न दर्जा प्राप्त सीपीएसई को कुछ वित्तीय और प्रबंधकीय स्वायत्तता प्राप्त होते है।
मिनीरत्न सीपीएसई, परिसंपत्तियां और व्यवसाय संचालन के मामले में महारत्न और नवरत्न पीएसयू की तुलना में काफी कम होते हैं।
मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I और II में विभाजित किया गया है।
मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I और II में विभाजित किया गया है।
मिनीरत्न श्रेणी-I के लिए मानदंड
मिनीरत्न श्रेणी-II के लिए मानदंड
रक्षा क्षेत्र में सुधार के तहत भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2021 को रक्षा मंत्रालय के तहत आयुध निर्माणी बोर्ड को सात कंपनियों में विभाजित कर दिया।
आयुध निर्माणी बोर्ड भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गोला-बारूद, वाहन और अन्य रक्षा उत्पाद बनाता था।
रक्षा मंत्रालय के तहत ये सात रक्षा सीपीएसई इस प्रकार हैं:
म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड
बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड
एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड
ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड
यंत्र इंडिया लिमिटेड
इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड
ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड