भारत सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक प्रवीण सूद का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। प्रवीण सूद का मौजूदा दो साल का कार्यकाल 25 मई 2025 को समाप्त होना था।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 7 मई 2025 को हुई बैठक में प्रवीण सूद के कार्यकाल के विस्तार को मंजूरी दी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति समिति द्वारा अगले सीबीआई निदेशक पर आम सहमति नहीं बन पाने के बाद कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने यह निर्णय लिया। सीबीआई निदेशक की नियुक्ति समिति की बैठक 6 मई 2025 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई। बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल हुए थे।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के प्रावधानों द्वारा शासित है।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है, जिसमें शामिल हैं:
सदस्य
सीबीआई भारत सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी है।
इसका मुख्य कार्य ,केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना।
यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित जांच में लोकपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग की सहायता करता है।
यह भारत में इंटरपोल के लिए नोडल एजेंसी है।
मंत्रालय: सीबीआई केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन है
स्थापना: 1 अप्रैल 1963।
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