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सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट के आयात को सीमित किया

Utkarsh Classes Last Updated 11-01-2024
Government restricts import of Laptops,Tablets to push Make in India Economy 5 min read

भारत सरकार ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास में लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात पर नियंत्रण करने के लिए 1 नवंबर 2023 से लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात के लिए परमिट ,अनिवार्य कर दिया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना में, आयातकों को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर आयात करने के लिए केंद्र सरकार से परमिट लेने की आवश्यकता होगी।

सरकार के इस कदम से  एप्पल, डेल, लेनोवो और एचपी जैसी कंपनियों  पर असर पड़ने की संभावना है जो मुख्य रूप से इन मशीनों का आयात कर  भारत में बेचते हैं।

आयात पर नियंत्रण करने के सरकारी कदम के कारण

लैपटॉप आदि के आयात को नियंत्रित करने के सरकार के कदम के पीछे दो प्रमुख कारण बताये जा रहे   हैं। एक , भारत को इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का केंद्र बनाने का प्रयास और दूसरा  सुरक्षा संबंधी चिंताएं।

मेक इन इंडिया

  • भारत सरकार ने देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण केंद्र और पसंदीदा विदेशी निवेश गंतव्य में बदलने के लिए 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किया।

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए 1 अप्रैल 2020 को प्रोडक्शन लिंक्ड इन्वेस्टमेंट (पीएलआई) योजना शुरू की।

  • पांच साल की 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत कंपनियों को भारत में निर्मित चिन्हित उत्पादों के निवेश और उसके  निर्यात के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।

  • प्रारंभ में पीएलआई योजना इलेक्ट्रॉनिक सामानों के बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए थी लेकिन बाद में इसे 13 अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा दिया गया। वर्तमान में 14 क्षेत्र पीएलआई योजना के तहत आते हैं ।

  • मोबाइल फोन के लिए पीएलआई  योजना अभी तक की सबसे सफल योजन रही है । भारत ने 2022-23 में 10.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के मोबाइल फोन का निर्यात किया जबकि 2014 में यह 2014 में  लगभग शून्य थी ।

  • सरकार लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर में भी मोबाइल जैसी सफलता दोहराना  चाहती है।

  • मार्च 2023 तक लैपटॉप का आयात करीब  8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था । मई 2023 में, सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और अन्य हार्डवेयर निर्माताओं को भारत में आकर्षित करने के लिए आईटी हार्डवेयर के लिए संशोधित 17,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन -लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की।

सुरक्षा का मसला

  • चीन लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर जैसे डिजिटल हार्डवेयर का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। सरकार को डर है कि लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर जैसे चीन निर्मित हार्डवेयर भारत के  सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

  • सरकार और कई साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को डर है कि चीन निर्मित आईटी हार्डवेयर एम्बेडेड सॉफ़्टवेयर के साथ आ सकता है जो हार्डवेयर का उपयोग करने वाले व्यक्ति का व्यक्तिगत डेटा चीन भेज सकता है।

  • चीन इस सुरक्षा खामी का फायदा उठाकर भारतीय आईटी बुनियादी ढांचे पर गंभीर साइबर हमला भी कर सकता है। इससे संपूर्ण आईटी प्रणाली ठप हो सकती है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार चीन से अपने आयात पर रोक लगाना चाहती है।

  • चीन दुनिया में लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर का एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र है। पिछले साल भारत ने चीन से 27.6 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर आयात किया था।

विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी)

डीजीएफटी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

यह भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति को तैयार करने और लागू करने और भारत से निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार है।

मुख्यालय: नई दिल्ली

परीक्षा के लिए  महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म PLI, Make in India ,Restricton on import of laptop

डीजीएफटी/DGFT :  डाइरेक्टर जेनरल ऑफ फॉरन ट्रैड (Director General of Foreign Trade)

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