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भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी वैभव अनिल काले की राफा में मौत

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Former Indian Army officer Waibhav Anil Kale Killed in Rafah Person in News 5 min read

पूर्व भारतीय सेना अधिकारी, कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले की 13 मई 2024 को गाजा के राफा शहर में उनके वाहन पर हमले के बाद मौत हो गई थी। वैभव अनिल काले वर्तमान में गाजा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा विभाग (डीएसएस) के एक स्टाफ सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत थे।

हमले में घायल हुए वैभव अनिल काले और उनके सहयोगी गाजा के राफा स्थित यूरोपीय अस्पताल जा रहे थे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमले की निंदा की है और घटना की जांच केआदेश दिए हैं। अभी तक  यह स्पष्ट नहीं है कि वैभव काले के वाहन पर किसने हमला किया।

7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल-हमास युद्ध के मौजूदा दौर की शुरुआत के बाद से गाजा में यह पहली अंतरराष्ट्रीय हताहत है।

गाजा में पहली अंतर्राष्ट्रीय मौत 

इजरायली सुरक्ष बलों द्वारा इस क्षेत्र में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद ,वैभव अनिल काले की मौत गाजा में मारे जाने वाले पहले संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी है।

उग्रवादी फिलिस्तीनी समूह हमास(हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया) द्वारा 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला करने के बाद इजराइल ने गाजा में जवाबी सैन्य आक्रमण शुरू किया। 7 अक्टूबर के हमले में उग्रवादी समूह ने 1,200 इजरायली लोगों की हत्या कर दी थी और करीब  240 लोगों को बंधक बना लिया था ।

इज़राइल ने हाल ही में उत्तरी गाजा के राफा क्षेत्र में एक नया आक्रमण शुरू किया है, जहां उसका कहना है कि हमास की चार बटालियन मौजूद हैं।

इजरायल के ताजा ऑपरेशन का अंतरराष्ट्रीय समुदायों और इजरायल के निकटतम सहयोगियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। राफा में 10 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों ने शरण ली राखी है और आशंका है की ताज़ा इजरायली हमले से इस क्षेत्र में व्यापक मानवतावादी त्रासदी होगी।

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 की इजरायली सैन्य कार्रवाई के बाद से गाजा में कम से कम 35000 लोग मारे गए हैं, और 23 लाख से अधिक फिलिस्तीनी शरणार्थी बन गए हैं।

कौन थे वैभव अनिल काले?

46 वर्षीय वैभव काले का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। वह 1998 में भारतीय सेना में शामिल हुए और उन्हें सियाचिन ग्लेशियरों और पूर्वोत्तर जैसे विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया।

वह भारतीय सेना की विशिष्ट आतंकवाद विरोधी शाखा, राष्ट्रीय राइफल्स के डिप्टी कमांडर थे।

वह आर्मी इन्फैंट्री स्कूल महू में प्रशिक्षक थे।

उन्होंने 2009-10 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी भाग लिया था।

काले 2022 में समय से पहले भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे । दो महीने पहले, वह संयुक्त राष्ट्र डीएसएस में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए थे।

गाजा के बारे में

गाजा, गाजा पट्टी का मुख्य शहर है, जो वर्तमान में  फिलिस्तीनी प्रशासन का हिस्सा है। गाजा पट्टी,जहां बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी आबादी रहती है पर 1948 में  मिस्र ने कब्जा कर लिया था।

1967 के इजराइल-अरब युद्ध में अरब सेनाओं की हार के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था ।

1978 की इज़राइल-मिस्र कैंप डेविड शांति संधि के बाद, मिस्र ने गाजा पट्टी पर अपना दावा छोड़ दिया।

1993 में, इज़राइल और फिलिस्तीनी नेताओं ने ओस्लो समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें गाजा और पश्चिमी तट  को मिलाकर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का प्रावधान था।

ओस्लो समझौते की शर्तों के तहत, इज़राइल ने 1994 में गाजा से अपनी चरणबद्ध सैन्य वापसी शुरू की।

गाजा से इजरायली सेना की वापसी 2008 में पूरी हुई और इसे फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दिया गया।

उग्रवादी फिलिस्तीनी समूह हमास के उद्भव के साथ, गाजा में  इजरायली बलों और हमास के बीच कई सशस्त्र संघर्ष देखे गए हैं।

इज़राइल के प्रधान मंत्री: बेंजामिन नेतन्याहू

FAQ

उत्तर: वह गाजा में संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत एक सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी थे जो राफा, गाजा में एक हमले के दौरान मारे गए ।

उत्तर: यह गाजा का एक शहर है जिस पर इजरायली सेना ने भारी हमला किया है।

उत्तर: एंटोनियो गुटेरेस

उत्तर: बेंजामिन नेतन्याहू
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