डीआरडीओ और भारतीय सेना ने स्वदेशी एमपीएटीजीएम का सफल परीक्षण किया
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
4 min read
डीआरडीओ और भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित मानव-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक फील्ड परीक्षण किया। इससे सेना के शस्त्रागार में इसे शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
एमपीएटीजीएम हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन और विकसित किया है।
डीआरडीओ और सेना ने कई उपकरणों का किया परिक्षण :
डीआरडीओ के अधिकारियों के अनुसार, 14 अप्रैल 2024 को होने वाले समग्र प्रणाली प्रशिक्षण में एमपीएटीजीएम, लांचर, लक्ष्य प्राप्ति उपकरण और एक अग्नि नियंत्रण इकाई शामिल है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है। इसे उन्नत प्रौद्योगिकी-आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ एमपीएटीजीएम का परीक्षण:
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, प्रौद्योगिकी की श्रेष्ठता को साबित करने के उद्देश्य से एमपीएटीजी हथियार प्रणाली का कई बार विभिन्न उड़ान विन्यासों में मूल्यांकन किया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 13 अप्रैल 2024 को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में वारहेड उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस परिक्षण में मिसाइल प्रदर्शन और वारहेड प्रदर्शन उल्लेखनीय रहे।
एमपीएटीजी हथियार प्रणाली दिन-रात दोनों में काम करने में सक्षम:
इसमें कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में मिसाइल फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए हैं। एमपीएटीजीएम के टेंडेम वारहेड सिस्टम का प्रथम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
हथियार प्रणाली दिन और रात दोनों में संचालन के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है।
इसे आधुनिक कवच संरक्षित मुख्य युद्धक टैंकों को हराने में भी सक्षम बनाया गया है।
डुएल मोड कार्यक्षमता, टैंक युद्ध के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ प्रौद्योगिकी विकास का प्रदर्शन सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया गया है।
यह प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल होने की दिशा में अंतिम उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है।
एमपीएटीजी हथियार प्रणाली के सफल परिक्षण के लिए
डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के बारे में:
डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार का रक्षा अनुसंधान एवं विकास विंग है। इसका लक्ष्य भारत को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों से सशक्त बनाना है।
डीआरडीओ आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और सफल स्वदेशी विकास एवं सामरिक प्रणालियों तथा अत्याधुनिक रणनीतिक प्लेटफार्मों के निर्माण करने में प्रमुख योगदान दिया है।
डीआरडीओ के द्वारा भारत की सैन्य शक्ति को प्रभावशाली निरोध पैदा करने और महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करने में प्रमुख योगदान दिया गया है।
डीआरडीओ की स्थापना वर्ष 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान तथा तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय के संयोजन के बाद की गई थी।
डीआरडीओ के अध्यक्ष: समीर वी. कामत
डीआरडीओ का मुख्यालय: दिल्ली
FAQ
Answer: डीआरडीओ और भारतीय सेना
Answer: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)
Answer: पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ एमपीएटीजीएम का परीक्षण
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