नौसेना ने आपदा राहत अभ्यास संयुक्त HADR 'चक्रवात-2023' की मेजबानी की
Utkarsh Classes
10-10-2023
Military exercise
7 min read
भारतीय नौसेना की मेजबानी 9 अक्टूबर गोवा में तीन दिवसीय वार्षिक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभ्यास ‘चक्रवात’ के 2023 संस्करण की शुरुआत हुई। अभ्यास ‘चक्रवात’2023 में तीनों सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और कई आपदा मोचन संगठन भाग ले रहे हैं।
वार्षिक संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास ‘चक्रवात’ का आयोजन 9 से 11 अक्टूबर तक गोवा में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
एचएडीआर ‘चक्रवात’ की शुरुआत कैसे हुई?
वार्षिक संयुक्त एचएडीआर ‘चक्रवात’ अभ्यास (एजेएचई) संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन-2015 के दौरान घोषित प्रधानमंत्री के निर्देश का परिणाम है।
अभ्यास ‘चक्रवात’ में कौन-कौन भाग लेते हैं?
2015 में अपने पहले संस्करण के बाद से वार्षिक संयुक्त एचएडीआर अभ्यास, चक्रवात में तीनों सेवाओं, अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ अनेक आपदा प्रतिक्रिया संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल है।
हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देश ‘चक्रवात’ अभ्यास में भाग ले रहे हैं:
इस ‘चक्रवात’ 2023 संस्करण सभी हितधारकों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों को और अधिक समन्वित करेगा, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देश भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
‘चक्रवात’ किसके द्वारा आयोजित किया जाता है?
यह अभ्यास 2016 से भारतीय सेना, भारतीय नौसेना (आईएन) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
‘चक्रवात’ का अंतिम संस्करण भारतीय वायु सेना द्वारा आगरा में आयोजित किया गया था। अभ्यास का 2023 संस्करण 09 से 11 अक्टूबर 23 तक गोवा में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
‘चक्रवात’ अभ्यास का उद्देश्य क्या है?
इस अभ्यास का उद्देश्य मानवीय संकटों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सामूहिक और समन्वित प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना है।
मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन भारतीय नौसेना की सौम्य भूमिका में एक प्रमुख घटक है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) की अतिसंवेदनशीलता में काफी वृद्धि की है।
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटना:
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती तेजी से बढ़ते खतरे से निपटने के लिए तटीय आईओआर राज्यों की सीमित क्षमता के कारण चुनौतियाँ और भी बढ़ गई हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों को क्षेत्र में हमारे मित्रों और भागीदारों को सहायता प्रदान करने के लिए अक्सर बुलाया जाता रहा है, जिससे क्षेत्र में 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' बनने की आवश्यकता और हमारे संकल्प को मजबूत किया जा सके।
जबकि तीनों सेनाएं किसी आपदा की स्थिति में राहत और सहायता प्रदान करना जारी रखती हैं, एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए हमारी तैयारियों और प्रतिक्रिया को और बढ़ाएगा।
‘चक्रवात’ अभ्यास में कौन-कौन सी एजेंसियां भाग ले रही हैं?
इस अभ्यास में भारतीय सेना के तीनों अंगों के अतिरिक्त विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियां इसमें भाग लेती हैं इन्हें निम्नलिखित बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए),
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ),
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम),
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी),
राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसियां (एनआरएसए),
राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (एसडीएमए) और राज्य अग्निशमन सेवा, गोवा,
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस),
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी),
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और
मित्रवत देशों के प्रतिनिधि भी इस अभ्यास में भाग लेते हैं।
संयुक्त भागीदारी का प्रदर्शन:
इस वर्ष के अभ्यास के प्रतीक चिन्ह में सभी भाग लेने वाली एजेंसियों के शिखर और प्रतीक चिन्ह और सभी देशों के झंडों को एक ही इकाई में दर्शाया गया है, जो दर्शाता है कि एचएडीआर सभी एजेंसियों द्वारा संयुक्त और एकीकृत कार्रवाई पर निर्भर करेगा।
अभ्यास के दौरान कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं?
तीन दिवसीय नियोजित इस एजेएचई-23 में एक सेमिनार, एक टेबल-टॉप अभ्यास और एक बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन शामिल है।
आकस्मिक विषयों जैसे जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के बारे में विचार-विमर्श: व्यावहारिक समाधान, आईओआर में आपदा प्रतिक्रिया: एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण और आपदा न्यूनीकरण और प्रतिक्रिया में एनजीओ सहयोग: 09 अक्टूबर 23 को संगोष्ठी के दौरान विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
10 और 11 अक्टूबर 23 को एक औद्योगिक प्रदर्शन की योजना बनाई गई है जिसमें फिक्की, सेना, आईएन, आईएएफ, आईसीजी, एनडीआरएफ, एसडीएमए और एनएसआरसी द्वारा विभिन्न एचएडीआर उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे।
इसके अलावा, 11 अक्टूबर 23 को एक बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें बारीकियों और महत्वपूर्ण पाठों को उजागर करने के लिए बचाव और राहत पर अभ्यास का प्रदर्शन किया जाएगा।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण फुलफॉर्म:
एचएडीआर (HADR):- ह्यूमेनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ (मानवीय सहायता और आपदा राहत)
आईओआर (IOR):- इंडियन ओशन रीजन (हिंद महासागर क्षेत्र)
With the trust and confidence that our students have placed in us, the Utkarsh Mobile App has become India’s Best Educational App on the
Google Play Store. We are striving to maintain the legacy by updating unique features in the app for the facility of our aspirants.