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राजस्थान हाईकोर्ट के 75 साल पूरे होने का जश्न: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
75 years Celebration of Rajasthan High Court: VP Dhankar Chief Guest Rajasthan 5 min read

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़,ने 10 अगस्त 2204 को जोधपुर में स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में आयोजित उच्च न्यायालय के प्लैटिनम जुबली समारोह को संबोधित किया। वे इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जो मूल रूप से राजस्थान से हैं , दो दिवसीय  9 और 10 अगस्त 2024 को राज्य के आधिकारिक दौरे पर थे।

वर्तमान राजस्थान उच्च न्यायालय 29 अगस्त 1949 को अस्तित्व में आया था।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह, न्यायमूर्ति संदीप मेहता, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. श्रीवास्तव, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसल, राजस्थान के कानून मंत्री जोगा राम पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने जोधपुर में न्यायिक अधिकारियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन को भी संबोधित किया।

राजस्थान उच्च न्यायालय के बारे में 

  • राजस्थान के उच्च न्यायालय का उद्घाटन 29 अगस्त 1949 को राजस्थान के राजप्रमुख महाराजा सवाई मान सिंह की उपस्थिति में किया गया था। उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर में थी और इसकी अतिरिक्त पीठें जयपुर और उदयपुर में थीं। 
  • बाद में, 1949 में, अध्यादेश जारी कर राजप्रमुख ने बीकानेर और कोटा में लंबित मामलों को निपटने के लिए  राजस्थान उच्च न्यायालय की अतिरिक्त पीठ स्थापित की।
  • 22 मई 1950 को कोटा, बीकानेर और उदयपुर पीठों को समाप्त कर दिया गया और उच्च न्यायालय की केवल जयपुर की अतिरिक्त पीठ को ही रखा गया।
  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अधिनियमन के बाद भारत के राष्ट्रपति ने जोधपुर को राजस्थान उच्च न्यायालय का  स्थायी पीठ बना दिया।
  • हालाँकि, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्य के राज्यपाल की पूर्व अनुमति से राज्य के किसी अन्य हिस्से में अस्थायी पीठ स्थापित कर सकते थे ।
  • तदनुसार, राजस्थान के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने 1 नवंबर, 1956 को एक अधिसूचना जारी कर जयपुर में उच्च न्यायालय की एक अस्थायी पीठ की स्थापना की।
  • अस्थायी जयपुर पीठ को 1958 में पी. सत्यनारायण राव, वी. विश्वनाथन और बी.के.गुप्ता की एक समिति की सिफारिशों पर समाप्त कर दिया गया था, जिसे 1957 में राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। फरवरी में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में, समिति ने राजस्थान न्यायालय की मुख्य पीठ के रूप में जोधपुर को बरकरार रखने का सुझाव दिया था जिसको सरकार ने मान लिया था।
  • 8 दिसंबर 1976 को भारत के राष्ट्रपति ने जयपुर में उच्च न्यायालय की एक स्थायी पीठ की स्थापना का आदेश जारी किया। जयपुर पीठ के पास अजमेर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, जयपुर, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, करौली, सीकर, टोंक और दौसा जिलों में उत्पन्न होने वाले मामलों के संबंध में क्षेत्राधिकार है। 
  • उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को जयपुर पीठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी भी मामले या मुकदमों को जोधपुर स्थानांतरित करने की शक्ति है।

राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिकतम न्यायाधीशों  की संख्या - मुख्य न्यायाधीश सहित 50।

राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति कमल कांत वर्मा

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव (राजस्थान उच्च न्यायालय के 42वें मुख्य न्यायाधीश)

FAQ

उत्तर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उत्तर: 29 अगस्त 1949 को

उत्तर : महाराजा सवाई मान सिंह

उत्तर: 8 दिसंबर 1976 को

उत्तर: मुख्य न्यायाधीश सहित 50

उत्तर: न्यायमूर्ति कमल कांत वर्मा -

उत्तर : न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव। वह राजस्थान उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी हैं।

उत्तर: जोधपुर
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