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चार साल की ई-कोर्ट एकीकृत मिशन मोड परियोजना का चरण III

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Phase III of E-Court Integrated Mission Mode Project Of Four Years Government Scheme 4 min read

13 सितंबर 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र प्रायोजित ई-कोर्ट एकीकृत मिशन मोड परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। परियोजना का तीसरा चरण 7210 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 4 साल की अवधि, 2023-2027 का होगा।

ई-कोर्ट एकीकृत मिशन मोड परियोजना चरण-3 का उद्देश्य विरासत रिकॉर्ड सहित पूरे न्यायालय रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के माध्यम से डिजिटल, ऑनलाइन और पेपरलेस कोर्ट की दिशा में आगे बढ़ते हुए न्याय की अधिक से अधिक आसान व्यवस्था शुरू करना है। 

इसके अलावा ई-सेवा केंद्रों के साथ सभी न्यायालय परिसरों की परिपूर्णता के माध्यम से ई-फाइलिंग/ई-भुगतान का सार्वभौमिकरण करना भी है। इससे मामलों को पुनर्निधारण या प्राथमिकता देते समय न्यायाधीशों और रजिस्ट्रियों के लिए डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम और कुशल स्मार्ट प्रणालियां स्थापित होंगी।

ई कोर्ट इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट

ई-कोर्ट एकीकृत मिशन मोड परियोजना वर्ष 2007 से देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में से एक है। 

इस परियोजना का उद्देश्य अदालतों को ई-सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन प्रदान करना है, और न्यायपालिका को  अदालतों के कामकाज की निगरानी और प्रबंधन करने में सक्षम है।

ई-कोर्ट परियोजना का उद्देश्य देश में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के सार्वभौमिक कम्प्यूटरीकरण और न्याय प्रणाली की आईसीटी सक्षमता में वृद्धि करके वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को नामित सेवाएं प्रदान करना है।

ई कोर्ट इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट का उद्देश्य

परियोजना की परिकल्पना है;

  • ई-कोर्ट परियाेजना, लिट्टिगेन्ट चार्टर के अनुसार कुशल और समयबद्ध नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करना।
  • अदालतों में कुशल न्याय वितरण प्रणाली का विकास, स्थापना और कार्यान्वयन
  • अपने हितधारकों को जानकारी की सुलभता को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाओं को स्वचालित करना।
  • न्यायिक उत्पादकता गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों को बढ़ाने के लिए, न्याय वितरण प्रणाली को सुलभ, प्रभावी लागत , विश्वसनीय और पारदर्शी बनाना।

ई कोर्ट मिशन परियोजना का कार्यान्वयन प्राधिकरण

ई-कोर्ट इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट को न्याय विभाग, कानून और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार और ई-कमेटी, सुप्रीम कोर्ट द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है।

ई कोर्ट मिशन परियोजना के चरण

ई-कोर्ट मिशन परियोजना अब अपने तीसरे चरण में है।

ई कोर्ट मिशन परियोजना का प्रथम चरण 

ई कोर्ट मिशन का पहला चरण 2007 में शुरू किया गया था और 30 मार्च 2015 को समाप्त हुआ। 

इस चरण में जिला और तालुका स्तर की अदालतों को कम्प्यूटरीकृत किया गया और न्यायिक कर्मचारियों को ई कोर्ट के संचालन में प्रशिक्षित किया गया।

द्वितीय चरण 

ई कोर्ट परियोजना के दूसरे चरण को भारत सरकार द्वारा 4 अगस्त 2015 को मंजूरी दी गई थी और यह परियोजना 2023 में समाप्त हो गई।

इस चरण में बाकी बचे शेष सभी अदालतों और नवनिर्मित अदालतों को कवर किया गया है । इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेलों को अदालतों से जोड़ने का प्रावधान किया गया।

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री: अर्जुन राम मेघवाल

भारत के मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़

FAQ

उत्तर : चार वर्ष, 2023-2027 तक

उत्तर : 7210 करोड़ रुपये

उत्तर: ई समिति, जिसके अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं ।

उत्तर: 2007 में, दूसरा चरण 2015 में और तीसरा चरण 2023 में लॉन्च किया गया था।

उत्तर : अर्जुन राम मेहगवाल

उत्तर : देश के जिला एवं अधीनस्थ न्यायालय
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