केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित छह राज्यों - मिज़ोरम, मेघालय, मणिपुर, असम, उत्तराखंड और केरल - के लिए राहत के रूप में 1,066.8 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ये राज्य दक्षिण-पश्चिम मानसून की भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण इन राज्यों में बड़े पैमाने पर बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है।
1066.80 करोड़ रुपये की राहत राशि में छह राज्यों का हिस्सा इस प्रकार है:
असम - 375.60 करोड़ रुपये,
मणिपुर - 29.20 करोड़ रुपये,
उत्तराखंड - 455.60 करोड़ रुपये,
मेघालय - 30.40 करोड़ रुपये,
केरल - 153.20 करोड़ रुपये,
मिज़ोरम - 22.80 करोड़ रुपये
यह धनराशि राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में प्रदान की गई है।
अन्य वित्तीय सहायता
चालू वित्त वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार ने अब तक राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से 14 राज्यों को 6,166.00 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
इसके अलावा, 12 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से 1,988.91 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष से पाँच राज्यों को 726.20 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है और दो राज्यों को एनडीआरएफ से 17.55 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 देश में आपदाओं के प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। यह अधिनियम, राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) और हर एक राज्य में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ़) की स्थापना का प्रावधान करता है।
ये समर्पित निधियाँ आपदाओं से निपटने के लिए सरकार के पास उपलब्ध प्राथमिक निधियाँ हैं।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत धन का आवंटन वित्त आयोगों की सिफारिशों पर आधारित होता है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (क) के तहत प्रत्येक राज्य को एक एसडीआरएफ का गठन करना होता है।
इस कोष का उपयोग बाढ़, भूस्खलन, सूखा, भूकंप, आग, सुनामी, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, चक्रवात, बादल फटना, कीट आक्रमण, पाला और शीत लहर जैसी आपदाओं के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।
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