प्रति वर्ष 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या विश्व बाघ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य इस लुप्तप्राय बड़ी बिल्ली के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है। पहला वैश्विक बाघ दिवस 2010 में मनाया गया था।
भारत में 2023 वैश्विक बाघ दिवस समारोह
2023 वैश्विक बाघ दिवस जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड में मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अखिल भारतीय बाघ अनुमान-2022 रिपोर्ट जारी की।
इस दिवस की पृष्ठभूमि
विश्व में बाघों की घटती आबादी के मुद्दे पर जुलाई 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले 13 देशों ने विश्व में बाघों की तेजी से घटती आबादी के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और उनके विलुप्त होने से रोकने के लिए गंभीर संरक्षण उपायों को तैयार करने और लागू करने के लिए 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
उन्होंने वर्ष 2022 तक जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करने का वैश्विक लक्ष्य Tx2 भी रखा।
वैश्विक बाघ दिवस 2023 की थीम
इस वर्ष ग्लोबल टाइगर डे 2023 के लिए कोई विशिष्ट विषय नहीं चुना गया है।
भारत में बाघ की स्थिति
भारत सरकार ने 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया। भारत सरकार ने भारत में बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की।
विश्व की लगभग 75% जंगली बाघ भारत में पाई जाती है। भारत के बाद रूस में जंगली बाघों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है।
अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट-2022 जनगणना के अनुसार, भारत में जंगली बाघों की कुल संख्या 2018 में 2967 की तुलना में 2022 में 3682 होने का अनुमान है।
बाघों की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश (785) में है, इसके बाद कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560),और महाराष्ट्र (444) हैं।
किसी बाघ अभयारण्य में सबसे अधिक बाघों की आबादी जिम कॉर्बेट (260) में है, इसके बाद बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा ( 104), सुंदरबन (100), ताडोबा (97), सत्यमंगलम (85), और पेंच (77)।
राष्ट्रीय बाघ जनगणना प्रत्येक चार वर्ष में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा राज्य वन विभागों, संरक्षण के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठनों और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के साथ साझेदारी में की जाती है।
भारत में बाघ अभयारण्य:
भारत में वर्तमान में 53 बाघ अभ्यारण्य हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित रानीपुर बाघ अभ्यारण्य नवीनतम है।
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा: नागार्जुनसागर श्री शैलम टाइगर रिजर्व, आंध्र प्रदेश।
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा: बोर बाघ अभयारण्य, महाराष्ट्र।
एक बाघ अभयारण्य में अधिकतम बाघ: जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड।
बाघ का वैज्ञानिक नाम: