15 सितंबर 2023 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए 45,000 करोड़ रुपये के कुल नौ अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, "ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित-आईडीएमएम।) खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत की जाएंगी जिससे 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "आईडीडीएम परियोजनाओं के लिए 50% स्वदेशी सामग्री की सीमा के बजाय, हमें न्यूनतम 60-65% स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए।"
सशस्त्र बलों के लिए प्रस्तावों को मंजूरी
- भारतीय वायु सेना के लिए 12 एसयू-30 एमकेआई , जिनका निर्माण रूस के सुखोई एविएशन कंपनी के लाइसेंस के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा भारत में किया जाएगा। ये विमान भारत के सबसे आधुनिक एसयू-30 एमकेआई विमान होंगे और कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे। सरकार के मुताबिक इन नव निर्मित एसयू-30 एमकेआई को 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से लैस करना होगा।
- संचालन के लिए सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए भारतीय वायु सेनाके डोर्नियर विमान का एवियोनिक अपग्रेडेशन भी किया जाएगा ।
- वायु सेना को स्वदेश निर्मित एएलएच एमके-IV हेलीकॉप्टरों के लिए एक शक्तिशाली स्वदेशी सटीक-निर्देशित हथियार के रूप में कम दूरी की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, ध्रुवास्त्र भी मिलेगी।
- ध्रुवास्त्र ,एंटी टैंक मिसाइल नाग का हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया जाने वाला संस्करण है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
- भारतीय थल सेना के लिए हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) ,आर्टिलरी गन और रडार की तेजी से तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) गन टोइंग वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी मिली।
- भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दी गई,जिससे हाइड्रोग्राफिक संचालन करने में इसकी क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
रक्षा अधिग्रहण परिषद
- इसकी स्थापना फरवरी 2001 में राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार पर मंत्रियों के समूह की सिफारिश पर की गई थी।
- सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए नई नीतियों और पूंजी अधिग्रहण पर निर्णय लेने के लिए डीएसी रक्षा मंत्रालय में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
- केंद्रीय रक्षा मंत्री परिषद के अध्यक्ष हैं।