केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने “नीति, नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से भारतीय कपास की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाना” विषय पर केंद्रित एक सम्मेलन की मेजबानी करके 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस 2023 मनाया।
इस सम्मलेन का आयोजन भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) और जीआईजेड की पहल ईयू-रिसोर्स एफिशिएंसी इनिशिएटिव के सहयोग से आयोजित किया गया था।
भारतीय कपास निगम लिमिटेड ने बीआईटीएस) लॉन्च किया:
- कपास की गुणवत्ता, विविधता, उत्पत्ति और अन्य महत्वपूर्ण कसौटियों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों खरीदारों के लिए पारदर्शी बनाने को सुनिश्चित करने हेतु सीसीआई ने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ‘बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटीसिस्टम’ (बीआईटीएस) लॉन्च किया।
- बीआईटीएस के द्वारा अब से प्रत्येक कपास की गांठ में एक क्यूआरकोड होता है, जो उसके मूल स्रोत, प्रसंस्करण कारखाने, भंडारण विवरण और टाइम स्टैम्प सहित संबंधित कपास की गुणवत्ता संबंधी जानकारी को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।
विश्व कपास दिवस क्यों मानते हैं?
- वैश्विक स्तर पर कपास के महत्व को उजागर करने के लिए प्रत्येक वर्ष 7 अक्टूबर को ‘विश्व कपास दिवस’ मनाया जाता है। विश्व कपास दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य कॉटन के उत्पादन, इससे बने उत्पादों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना है और कपास की तकनीकी को समझना।
विश्व कपास दिवस की थीम 2023:
- तीसरे आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र विश्व कपास दिवस का विषय - ‘कपास को सभी के लिए उचित और टिकाऊ बनाना: खेत से फैशन तक’, निर्धारित किया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित इस थीम के द्वारा कपास क्षेत्र की दृश्यता और आर्थिक विकास, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और गरीबी उन्मूलन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहता है।
विश्व कपास दिवस का महत्व:
- कपास का उत्पादन ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर किया जाता है। सूती कपड़ा विश्व में सर्वाधिक उपयोग किए जाने वाले कपड़ों में से एक है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह प्राकृतिक कपड़ा दुनिया भर में जीवन बदलने वाला उत्पाद है, जो 32 मिलियन उत्पादकों का भरण-पोषण करता है और 5 महाद्वीपों के 80 देशों के 100 मिलियन से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचाता है।
- कपास उद्योग महिलाओं सहित कई ग्रामीण और मजदूरों के लिए रोजगार और आय का भी एक स्रोत है।
कपास की वैश्विक स्थति:
- वर्तमान में भारत कपास उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। यहां ना सिर्फ कॉटन की खेती होता है बल्कि उसके उत्पादन, और इससे जुड़े उद्योगों से भी लाखों लोगों का घर चलता है।
- संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर वर्ष करीब 62 लाख टन कपास का उत्पादन किया जाता है। जो पूरी दुनिया के कपास उत्पादन का कुल 38 प्रतिशत है। जबकि चीन कपास के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
विश्व कपास दिवस का इतिहास:
- 2012 में बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली - उप-सहारा अफ्रीका के चार मुख्य कपास उत्पादकों ने विश्व कपास दिवस मनाने का प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन के समक्ष प्रस्तुत किया।
- विश्व व्यापार संगठन ने 2019 में बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली के प्रस्ताव के बाद एक पहल के रूप में प्रथम विश्व कपास दिवस समारोह की मेजबानी की।
- विश्व व्यापार संगठन द्वारा प्रायोजित इस प्रथम विश्व कपास दिवस समारोह में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (आईसीएसी) और व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) भी शामिल हुए थे।
कपास:
- कपास वस्तुतः एक खरीफ फसल है और सूखा प्रतिरोधी फसल है जो शुष्क जलवायु के लिये आदर्श है।
- इसे पुर्णतः तैयार होने में करीब 6 से 8 महीने का समय लगता है।
- विश्व की 2.1% कृषि योग्य भूमि कपास के अंतर्गत है और यह विश्व की वस्त्र आवश्यकताओं में 27% का योगदान करता है।
- कपास के उत्पादन के लिए भौगोलिक दशाएं:
- तापमान: 21-30 डिग्री सेल्सियस।
- वर्षा: 50-100 सें.मी.
- मृदा का प्रकार: अच्छी अपवाह वाली काली कपास मृदा, इसके लिए दक्कन के पठार की मृदा सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है।
- कपास की चार कृष्य प्रजाति हैं:- गॉसिपियम अर्बोरियम, जी. हर्बेसम, जी. हिरसुटम और जी. बारबडेंस।
बीटी कपास:
-
यह कपास की आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव या आनुवंशिक रूप से संशोधित कीट-प्रतिरोधी किस्म है।
- कपास का उत्पाद: कपड़ा, फाइबर, तेल और पशु चारा।
- वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन कपास उत्पादक देश: भारत> चीन> संयुक्त राज्य अमेरिका।
- भारत में शीर्ष कपास उत्पादक राज्य हैं: गुजरात> महाराष्ट्र> तेलंगाना > आंध्र प्रदेश> राजस्थान।