उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 14 सितंबर 2023 को राजस्थान के जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो दिवसीय (14-15 सितंबर 2023) इस सम्मलेन की शुरुआत पारंपरिक 'जल कलश' समारोह से की गई।
जयपुर सम्मलेन "सुरक्षित एवं संरक्षित बांध राष्ट्र की समृद्धि सुनिश्चित करते हैं" विषय पर आयोजित किया गया।
- इसके अतिरिक्त उपराष्ट्रपति धनखड़ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी स्टेशन से विनाइल की परत चढ़ी कामाख्या एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।
जल संरक्षण हेतु सरकार के नए पहल:
- राष्ट्रीय जल मिशन की 'पानी की रेल' पहल के तहत जल संरक्षण, नदी पुनर्जीवन, पेयजल और स्वच्छता के महत्व के संदेश को प्रचारित करने के लिए रेल मंत्रालय के सहयोग से दो ट्रेनों, हिमसागर एक्सप्रेस और कामाख्या एक्सप्रेस पर विनाइल की परत चढ़ाई गई है।
- ये ट्रेनें जैसे-जैसे देश भर में यात्रा करेंगी, वे जल संरक्षण और प्रबंधन के महत्वपूर्ण संदेश को प्रसारित करने वाले एक चलते-फिरते बिलबोर्ड का कार्य करेंगी।
15 देशों के 40 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सहभागिता:
- सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों के 800 से अधिक प्रतिनिधि, शिक्षाविद्, विश्व बैंक के अधिकारी, अन्य देशों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रतिनिधि और अन्य बांध स्वामी भाग ले रहे हैं। इस आयोजन में 15 देशों के लगभग 40 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।
बड़े बांधों हेतु राष्ट्रीय रजिस्टर का अनावरण:
- उपराष्ट्रपति ने बड़े बांधों के एक राष्ट्रीय रजिस्टर का भी अनावरण किया, जो संबंधित राज्य सरकार/प्राधिकरण के परामर्श से तैयार किए गए देश के बड़े बांधों का एक संकलन है।
- उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने बांधों का महत्व बताते हुए उन्हें वह "मूक प्रहरी" कहा जो "जो हमारे ग्रह की जीवनधारा तक हमारी पहुंच सुनिश्चित करते हैं।"
- जल प्रबंधन के साथ भारत के अंतर्निहित संबंध पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने बताया कि भारतीय सभ्यता हजारों वर्षों तक नदियों के किनारे फली-फूली है, और उन्हीं नदियों के पानी से उसने अपना जीवन और जीविका पाई है।
भारत के प्राचीन ग्रंथो में भी बांधों का उल्लेख:
- धनखड़ ने यह भी कहा कि वेदों और अर्थशास्त्र सहित प्राचीन ग्रंथों में पानी की कमी से निपटने के लिए बांधों और जलाशयों के निर्माण के माध्यम से जल संसाधनों के व्यवस्थित प्रबंधन का उल्लेख है।
बांध सुरक्षा अधिनियम (डीएसए) 2021:
- उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बांध सुरक्षा अधिनियम (डीएसए) 2021 के अधिनियमन की सराहना की, जो अपने बांधों की सुरक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है।
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बांधों के विविध लाभों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार बांध भारत में जल प्रबंधन, बिजली उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण में सहायक रहे हैं।
- बांध सुरक्षा के महत्व पर बात करते हुए शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 2021 में लाए गए बांध सुरक्षा अधिनियम के बारे में बताया जो सभी बांध मालिकों द्वारा प्रमुख नियामक संस्थागत ढांचे और एकीकृत प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करने के लिए था।
देश के 80 प्रतिशत से अधिक बांध 25 वर्ष पुराने:
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, भारत में लगभग 280 बांध हैं जो लगभग 100 वर्ष पुराने हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक बांध तो 25 वर्ष पुराने हैं।
- यह सम्मेलन विभिन्न हितधारकों के बीच बांध सुरक्षा उपायों पर विचार-विमर्श करने और ज्ञान साझा करने के लिए एक मंच का काम करेगा।
- केंद्रीय मंत्री ने 14 सितंबर 2023 को पहले एमएनआईटी जयपुर में बांधों की भूकंप सुरक्षा के राष्ट्रीय केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह केंद्र भारत में बांधों की संरचनात्मक और भूकंप संबंधी सुरक्षा को बढ़ाने का काम करेगा।
आईआईटी रूड़की और आईआईएससी बेंगलुरु में उत्कृष्टता केंद्र:
- केंद्रीय मंत्री ने आईआईटी रूड़की और आईआईएससी बेंगलुरु में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और बांध सुरक्षा से जुड़े हितधारकों के क्षमता निर्माण के लिए एम-टेक पाठ्यक्रम आरंभ करने के बारे में बात की।