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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फॉरेंसिक अवसंरचना विकास के लिए एनएफआईईएस योजना को मंजूरी दी

Utkarsh Classes Last Updated 24-06-2024
Union Cabinet approves NFIES scheme for Forensic Infra. Development Government Scheme 6 min read

भारत सरकार ने एक कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली की सहायता के लिए देश में आपराधिक फोरेंसिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक नई केंद्रीय योजना को मंजूरी दे दी है। 19 जून 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (एनएफ़आईईएस ) को मंजूरी दी गई।

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना की विशेषता

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना(एनएफआईईएस) केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी। 

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (एनएफआईईएस) में तीन घटक होंगे:

  • देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के परिसरों का निर्माण।
  • देश भर में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना और 
  • राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के दिल्ली परिसर के मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।

एनएफआईईएस के लिए वित्तीय परिव्यय

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना  के लिए 2254.43 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। योजना के लिए पैसा केंद्रीय गृह मंत्रालय के बजटीय आवंटन से आएगा।

एनएफआईईएस की अवधि

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना की अवधि पांच वर्ष यानी 2024-25 से 2028-29 तक है।

एनएफआईईएस योजना का उद्देश्य 

एनएफआईएसई का उद्देश्य ,अपराध की वैज्ञानिक जांच में सहायता के लिए देश में फोरेंसिक विज्ञान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023, 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू होंगे।

नए कानून के तहत आपराधिक मामलों में जिस मामले में सात साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है उसमे फोरेंसिक जांच अनिवार्य है। 

नए आपराधिक कानून के लागू होने से देश में फोरेंसिक प्रतिष्ठान पर काम का बोझ बढ़ने की उम्मीद है।

सरकार ने पेशेवर फोरेंसिक विशेषज्ञों और प्रयोगशालाओं की मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए एनएफआईईएस तैयार किया है।

इस प्रकार, एनएफआईईएस के तहत, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) नए अतिरिक्त ऑफ-परिसरों का निर्माण किया जाएगा और नए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (सीएफएसएल) की स्थापना की जाएगी।

एनएफआईईएस से देश में प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति की कमी को दूर करने, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में लंबित मामलों को कम करने और 90% से अधिक की उच्च सजा दर हासिल करने के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) 

नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) दुनिया का पहला और दुनिया का एकमात्र फोरेंसिक विश्वविद्यालय है।

इसकी स्थापना फोरेंसिक विज्ञान में पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और देश में उनकी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए की गई थी

एनएफएसयू की स्थापना 2009 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के रूप में की गई थी।

2020 में, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम ने इसका नाम बदलकर वर्तमान नाम कर दिया तथा  इसे एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान का दर्जा भी दिया गया ।

एनएफएसयू केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है।

मुख्य परिसर: गांधीनगर, गुजरात।

फोरेंसिक साइंस क्या है? 

फोरेंसिक शब्द लैटिन भाषा के शब्द फॉरेंसिस से लिया गया है, जिसका अर्थ है सार्वजनिक बहस या चर्चा।

आधुनिक शब्दों में, फोरेंसिक विज्ञान नागरिक और आपराधिक कानून के मामलों में प्राकृतिक और भौतिक विज्ञान विधियों का उपयोग है। 

फोरेंसिक विज्ञान पद्धति का उपयोग न केवल हत्या, बलात्कार आदि जैसे जघन्य अपराधों की जांच में किया जाता है, बल्कि चोरी, सेंधमारी जैसे सरल अपराधों और जानबूझकर वायु, जल या अन्य प्रदूषण पैदा करने जैसे नागरिक मामलों के लिए भी किया जाता है।

फोरेंसिक वैज्ञानिक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही के संबंध में साक्ष्य की जांच और व्याख्या करने के लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

एनएफएसयू/NFIES: नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम”( National Forensic Infrastructure Enhancement Scheme)।

एनएफ़एसयू/NFSU: नेशनल फॉरेंसिक साइन्स यूनिवर्सिटी ( National Forensic Sciences University)

FAQ

उत्तर: राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (एनएफआईईएस)।

उत्तर : केंद्रीय गृह मंत्रालय।

उत्तर: पाँच वर्ष, 2024-25 से 2028-29 तक।

उत्तर: 2254.43 करोड़ रुपये।

उत्तर: गांधीनगर, गुजरात।

उत्तर: फोरेंसिक, नेशनल फोरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एनहांसमेंट स्कीम (एनएफआईईएस)।
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