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भारतीय सेना ने जोधपुर में पहली अपाचे स्क्वाड्रन स्थापित किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
The Indian Army raises first Apache Squadron in Jodhpur Defence 4 min read

पश्चिमी सीमा पर भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में  भारतीय सेना ने 15 मार्च 2024 को जोधपुर में अपाचे एएच-64 लड़ाकू हेलीकॉप्टर से सुसज्जित अपना पहला अपाचे हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन स्थापित किया है । 6 अपाचे हेलीकॉप्टर से युक्त इस स्क्वाड्रन का संचालन भारतीय सेना के एविएशन कोर द्वारा किया जाएगा।

भारतीय वायु सेना वर्तमान में 22 अपाचे एएच-64 लड़ाकू हेलीकॉप्टर का संचालन कर रही है।

स्क्वाड्रन का गठन भारतीय सेना विमानन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय सूरी और बोइंग के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ भारतीय सेना के अधिकारियों, की उपस्थिति में किया गया था।

भारत सरकार ने 2018 में भारतीय सेना के उपयोग के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका से 6 अतिरिक्त अपाचे एएच-64 लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने का अनुबंध किया था । इन हेलीकॉप्टरों के मई 2024  में भारत आने की संभावना है। शुरुआत में ये हेलीकॉप्टर उत्तर प्रदेश में स्तिथ भारतीय वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर उतरेगें और फिर उसे जोधपुर में तैनात किया जाएगा।

अपाचे हेलीकॉप्टर को शामिल करना सेना के एविएशन कोर के आधुनिकीकरण पहल का हिस्सा है। एविएशन कोर ने पिछले साल मिसामारी, असम में अपना पहला प्रचंड स्क्वाड्रन स्थपित किया था । भारत में निर्मित स्वदेशी प्रचंड, एक हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 20 मिमी बुर्ज गन, 70 मिमी रॉकेट सिस्टम और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।

अपाचे हेलीकाप्टर

अपाचे हेलीकॉप्टर, जिसे 'हवा में टैंक' भी कहा जाता है, अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित विश्व में सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है। हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 280 किमी/घंटा है।

अपाचे हेलीकॉप्टर, अपाचे एएच-64ई उन्नत नाइट विजन सिस्टम से सुसज्जित है; और यह एक मिनट में 138 लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम मिसाइलों से लैस है।

हेलीकॉप्टर एजीएम 114 हेलफायर एंटी-टैंक मिसाइलों से भी लैस है जिसे टैंक जैसे बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

हेलीकॉप्टर की स्टिंगर मिसाइलें हवाई खतरों को बेअसर कर सकती हैं और हाइड्रा-70 अनगाइडेड मिसाइलें जमीन आधारित खतरों को प्रभावी ढंग से बेअसर कर सकती हैं।

भारतीय सेना उड्डयन निगम

इंडियन आर्मी एविएशन कोर, भारतीय सेना में सबसे नवीनतम कोर है। इसकी स्थापना 1 नवंबर 1986 को हुई थी। 

यह पहले भारतीय सेना की एक एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट थी जो भारतीय तोपखाने का हिस्सा थी।

आधुनिक युद्धक्षेत्र में इंडियन आर्मी एविएशन कोर की मुख्य भूमिकाएँ टोही, अवलोकन, हताहतों की निकासी, निचले हिस्से में भार को ले जाने सहित रसद सहायता, युद्ध खोज और बचाव और मानवीय सहायता और आपदा राहत से संबन्धित हैं।

यह एयरबोर्न कमांड पोस्ट और संचार रिले स्टेशन के रूप में भी कार्य करता है। यह उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

सैन्य हेलीकॉप्टर, सैन्य ऑपरेशनों की सफलता में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन रहे हैं और तेजी से विकसित हो रही तकनीक के साथ इनकी महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।

आर्मी एविएशन कोर  का आदर्श वाक्य: सुवेग और सुद्रिध (स्विफ्ट एंड श्योर)

मुख्यालय: नई दिल्ली

FAQ

उत्तर: जोधपुर, छह अपाचे एएच-64ई को भारतीय सेना की एविएटन कॉर्प द्वारा तैनात किया जाएगा।

उत्तर: नई दिल्ली, सेना के एविएटन कॉर्प का आदर्श वाक्य सुवेग और सुद्रिध (स्विफ्ट और श्योर) है।

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका की बोइंग कंपनी से
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