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तेलंगाना ने अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण लागू किया

Utkarsh Classes Last Updated 14-04-2025
Telangana implements Scheduled Caste Categorisation of Reservations Bill and Act 4 min read

तेलंगाना, भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने राज्य में अनुसूचित जातियों में आरक्षण में वर्गीकरण लागू किया है। राज्य सरकार ने कोटा के भीतर कोटा प्रदान करने का सरकारी आदेश 14 अप्रैल 2025 को डॉ भीम राव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जारी किया।

डॉ भीम राव अंबेडकर जो स्वतंत्र भारत में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े नेता भी थे, भारत के संविधान को तैयार करने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा गठित मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का निर्माता भी माना जाता है। डॉ अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।

राज्य सरकार के निर्णय की पृष्ठभूमि

1 अगस्त 2024 को दविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था कि राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के अनुसार आरक्षण के उद्देश्य से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर उप-वर्गीकरण करने का अधिकार है।

सात न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने की थी।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मुख्य सार यह था कि आरक्षण का लाभ अनुसूचित जाति श्रेणी के भीतर अपेक्षाकृत समृद्ध जाति के लिए ही सिर्फ नहीं होना चाहिए। आरक्षण का लाभ अनुसूचित जातियों के हाशिए पर पड़े समुदाय को भी मिलना चाहिए।

अनुसूचित जाति वर्गीकरण पर न्यायमूर्ति शमीम अख्तर समिति

देविंदर सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद, तेलंगाना सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय के भीतर उप-वर्गीकरण का अध्ययन करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया।

इस समिति की अध्यक्षता तेलंगाना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शमीम अख्तर ने की।

न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक, 2025 पेश किया।

इस विधेयक को राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा की स्वीकृति मिली और यह कानून बन गया। इसके बाद राज्य सरकार ने 14 अप्रैल 2025 को इस कानून को अधिसूचित किया।

अनुसूचित जाति आरक्षण का वर्गीकरण

राज्य की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति के लिए 15% आरक्षण का प्रावधान है।

आरक्षण के उद्देश्य से राज्य में अनुसूचित जाति को तीन श्रेणियों - I, II और III में वर्गीकृत किया गया है।

  • समूह I: 15 सबसे वंचित समुदाय - 1% आरक्षण,
  • समूह II: 18 मध्यम रूप से लाभान्वित समुदाय - 9% आरक्षण,
  • समूह III: 26 अपेक्षाकृत बेहतर समुदाय - 5% आरक्षण।

राज्य सरकार के अनुसार भविष्य में सभी सरकारी नौकरियों की भर्तियाँ और शिक्षा प्रवेश इस नए उप-वर्गीकरण मॉडल का पालन करेंगे।

यदि 2026 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या में परिवर्तन होता है तो उनके लिए आरक्षण में भी उसी के अनुसार परिवर्तन किया जाएगा।

देविंदर सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें

FAQ

उत्तर: तेलंगाना

उत्तर: तीन समूह; समूह I में सबसे अधिक 15 वंचित समुदाय शामिल हैं, II में 18 मध्यम रूप से लाभान्वित समुदाय शामिल हैं और III में 26 अपेक्षाकृत बेहतर समुदाय शामिल हैं।

उत्तर: सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनुच्छेद 15 और सरकारी नौकरियों के लिए अनुच्छेद 16।

उत्तर: तेलंगाना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शमीम अख्तर।

उत्तर: जिष्णु देव वर्मा
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