देश में महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से स्वावलंबिनी पहल शुरू की है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश में स्वावलंबिनी पहल को, 1 मार्च 2025 को कौशल विकास और उद्यमिता के लिए केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी द्वारा शुभारंभ किया गया।
इस अवसरा पर स्वावलंबिनी पहल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में भी वस्तुतः,एक साथ शुरू की गई।
स्वावलंबिनी पहल शुरुआत में देश के पूर्वी क्षेत्र के उच्च शिक्षण संस्थानों में शुरू की गई थी। इसे आईआईटी भुवनेश्वर और ओडिशा में उत्कल विश्वविद्यालय; नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू), शिलांग; कियांग नांगबाह गवर्नमेंट कॉलेज, जोवाई और मेघालय में री भोई कॉलेज आदि में सफलतापूर्वक शुरू किया गया है। अब, धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में इस पहल का विस्तार किया जा रहा है।
स्वावलंबिनी पहल को राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) द्वारा और नीति आयोग के साथ संयुक्त साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है। एनआईईएसबीयूडी, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में महिला छात्रों को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास के साथ सशक्त बनाना है।
इसमें लगभग 600 महिला छात्रों के लिए दो दिवसीय उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम शामिल है, जहां वे मौलिक उद्यमशीलता अवधारणाओं, बाजार के अवसरों और आवश्यक व्यावसायिक कौशल सीखेंगे।
इसके बाद, 300 चयनित छात्रों को व्यवसाय विकास, वित्त पहुंच, बाजार लिंकेज, अनुपालन और कानूनी सहायता के महत्वपूर्ण पहलुओं पर 40-40 घंटे के प्रशिक्षण सत्र से गुजरना होगा।
प्रतिभागियों को अपने विचारों को टिकाऊ व्यावसायिक उद्यमों में बदलने के लिए छह महीने की मेंटरशिप और हैंड-होल्डिंग सपोर्ट सिस्टम प्रदान किया जाएगा।
इन उच्च शिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों को संकाय विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा।
वे अपने संस्थानों के भीतर इच्छुक महिला उद्यमियों के सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे और उनका मेंटरशिप (मार्गदर्शन) करेंगे।
स्वावलंबिनी पहल का लक्ष्य महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम से प्रशिक्षित कम से कम 10% प्रतिभागियों को सफल उद्यम स्थापित करते देखना है।