भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 21 और 22 नवंबर 2024 को मुंबई, महाराष्ट्र में दो दिवसीय “वैश्विक दक्षिण के केंद्रीय बैंकों का उच्च-स्तरीय नीति सम्मेलन” आयोजित किया। यह सम्मेलन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपने प्रमुख कार्यक्रम RBI@90 के तहत अपनी स्थापना के 90वें वर्ष के प्रतीक के रूप में मनाने के लिए आयोजित किए जा रहे ,अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की श्रृंखला का एक हिस्सा था।
यह RBI@90 उत्सव के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित किया जाने वाला तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन था। आरबीआई ने अगस्त 2024 में बेंगलुरु, कर्नाटक में “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर वैश्विक सम्मेलन” एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था।
दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में ‘केंद्रीय बैंकिंग चौराहे पर’ विषय पर उच्च स्तरीय सम्मेलन के तहत आयोजित किया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधान के तहत की गई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।
वैश्विक दक्षिण के केंद्रीय बैंकों के उच्च स्तरीय नीति सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया।
ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) शब्द का पहली बार इस्तेमाल कार्ल ओग्लेसबी नामक एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने 1969 में “कॉमनवेल” पत्रिका में प्रकाशित अपने एक लेख में किया था।
यह शब्द दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के गरीब, अविकसित और विकासशील देशों को संदर्भित करता है।
इसका इस्तेमाल ग्लोबल नॉर्थ के विपरीत किया जाता है जो उत्तरी अमेरिका, यूरोप, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के समृद्ध, औद्योगिक देशों को संदर्भित करता है।
सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के 18 देशों ने भाग लिया।
उनका प्रतिनिधित्व केंद्रीय बैंक के गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और अन्य केंद्रीय बैंक अधिकारियों ने किया।
भारतीय रिजर्व बैंक से, रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक, डिप्टी गवर्नर और वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी मौजूद थे।
इसके अलावा बहुपक्षीय संस्थानों के विशेषज्ञ, वाणिज्यिक बैंकों के शीर्ष अधिकारी, वित्तीय बाजार प्रतिभागी, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और प्रतिष्ठित व्यक्ति भी मौजूद थे।