भारतीय थल सेनाध्यक्ष ,जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 21 नवंबर 2024 को नेपाली सेना के जनरल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया। भारत और नेपाल में एक-दूसरे के देश के सेना प्रमुख को इस रैंक से सम्मानित करने की लंबी परंपरा है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने नेपाली समकक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल के निमंत्रण पर 20 से 24 नवंबर 2024 तक नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 21 नवंबर 2024 को काठमांडू में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल द्वारा नेपाली सेना के मानद जनरल का पद प्रदान किया गया।
नेपाली राष्ट्रपति नेपाली सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ हैं।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने नेपाल के गोरखाओं को अपनी सेना में भर्ती करने की परंपरा शूर की गई थी और उनका इस्तेमाल कंपनी द्वारा भारत में विभिन्न सैन्य अभियानों में किया गया।
गोरखाओं की भर्ती ब्रिटिश भारत शासन के दौरान भी जारी रही।
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, भारत, ब्रिटिश सरकार और नेपाली सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत ब्रिटिश भारत में सेवारत गोरखा रेजिमेंट को भारतीय सेना और ब्रिटिश सेना में विभाजित कर दिया गया।
स्वतंत्रता के बाद भी भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों की भर्ती जारी रही।
भारतीय सेना में अग्निवीर योजना की शुरुआत के बाद, नेपाल ने भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों की भर्ती बंद कर दी है।
नेपाल में लगभग 88,000 सेवानिवृत्त नेपाली मूल के भारतीय सेना के जवान रहते हैं।
भारतीय सेना में नेपालियों की भर्ती पर प्रतिबंध के बावजूद, दोनों सेनाओं ने संयुक्त प्रशिक्षण जारी रखा है।
भारतीय सेना नेपाली सेना के जवानों को प्रशिक्षण देती है नेपाल में प्रशिक्षण भी लेती है।
दोनों देश सूर्य किरण नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं। नेपाल दिसंबर 2024 में सूर्य किरण के 18वें संस्करण की मेजबानी करेगा।