असम की वन्यजीव जीवविज्ञानी डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन को दूसरी बार व्हिटली गोल्ड पुरस्कार, जिसे ग्रीन ऑस्कर भी कहा जाता है,मिला है। उन्हें लुप्तप्राय पक्षी, ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क जिसे असमिया भाषा में हरगिला कहा जाता है के संरक्षणऔर उसके आर्द्रभूमि आवास के संरक्षण प्रयास के लिए सम्मानित किया गया।
उन्हें 2017 में भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डॉ. बर्मन ने लंदन, यूनाइटेड किंगडम में रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी पुरस्कार समारोह में चैरिटी संरक्षक राजकुमारी ऐनी जो यूनाइटेड किंगडम के सम्राट चार्ल्स III की बहन हैं ,से ट्रॉफी प्राप्त की।
हरगिला पक्षी, जो सड़े हुए कार्बनिक पदार्थों को खाता है, गंदे और अवांछित पक्षी के रूप में देखा जाता था। इस कारण लोग पेड़ों पर बने इसके घोंसले के स्थानों को नष्ट कर देते थे।
पक्षी और उसके घोंसले वाले स्थान की सुरक्षा के लिए, डॉ. पूर्णिमा ने स्थानीय लोगों को एकजुट किया और पक्षी के प्रति उनका दृष्टिकोण बदलने की कोशिश की। उन्होंने पक्षियों के घोंसले वाले क्षेत्र की रक्षा के लिए सारस बहनों की हरगिला सेना की स्थापना की, जिसमें मुख्य रूप से स्थानीय महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
हरगिला पक्षी मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व, विशेषकर असम के आर्द्रभूमि क्षेत्रों में पाए जाते हैं। पक्षियों की आबादी जो घटकर लगभग 450 रह गई थी, मुख्य रूप से डॉ. पूर्णिमा और उनकी हरगिला सेना के संरक्षण प्रयासों के कारण वर्तमान में इन क्षेत्रों में 1800 से अधिक हो गई है।
उनके प्रयासों के कारण, असम सरकार ने 7 अक्टूबर 2022 को "हाग्रीला दिवस" के रूप में मनाया।
डॉ. बर्मन का लक्ष्य 2030 तक हरगिला पक्षी की वैश्विक आबादी को दोगुना कर 5,000 तक पहुंचाना है। वह इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के माध्यम से भारत और कंबोडिया में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
हरगिला पक्षी के पंखों का फैलाव 2.4 मीटर होता है और यह इसकी ऊंचाई 1.2 मीटर तक हो सकती है। इस पक्षी का घोंसला एक मीटर चौड़ा तक हो सकता है।
हरगिला पक्षी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मुख्यत: सड़ने वाले कार्बनिक पदार्थों को खाते हैं।वे पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।
वे साँपों का शिकार भी करते हैं और क्षेत्र को ज़हरीले साँपों से साफ़ रखते हैं।
हरगिला पक्षी असम के आर्द्रभूमि में एक आवश्यक पारिस्थितिक स्तंभ हैं, जो राज्य के 15 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को कवर करता है।
व्हिटली फ़ंड फ़ॉर नेचर यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत एक परोपकारी संस्था है। इसकी स्थापना 1993 में हुई थी।
इस संस्था ने 2007 में व्हिटली गोल्ड अवार्ड्स की स्थापना की थी।
व्हिटली गोल्ड अवार्ड्स वैश्विक जैव विविधता और जलवायु संकटों के स्थानीय समाधान खोजने के लिए स्थानीय समुदाय को एकजुट करने के उनके प्रयासों के लिए विकाशसील देशों के जमीनी स्तर के संरक्षण नेताओं को दिया जाता है।
2024 के पुरस्कार विजेता को एक वर्ष के लिए विजेता के संरक्षण प्रयास के वित्तपोषण के लिए 50,000 ब्रिटिश पाउंड मिलेंगे।
चैरिटी संरक्षक राजकुमारी ऐनी हर साल लंदन, इंग्लैंड में रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी पुरस्कार समारोह में पुरस्कार प्रदान करती हैं। राजकुमारी ऐनी वर्तमान ब्रिटिश सम्राट, चार्ल्स III की बहन हैं।
2007 में व्हिटली गोल्ड अवार्ड पाने वाले पहले भारतीय अर्चना गोडबोले और ब्रैड नॉर्मन थे।
क्रमांक |
विजेता |
देश |
संरक्षण कार्य |
1 |
नाओमी लोंगा |
पापुआ न्यू गिनी |
समुद्री |
2 |
राजू शर्मा |
नेपाल |
स्थल |
3 |
एरिस्टाइड कमला |
कैमरून |
आर्द्रभूमि और मीठा पानी |
4 |
कुएनज़ांग दोरजी |
भूटान |
स्थल |
5 |
फर्नांडा अबरा |
ब्राज़िल |
स्थल |
6 |
लेरॉय इग्नासियो |
गुयाना |
स्थल |
7 |
पूर्णिमा बर्मन |
भारत |
स्थल |