प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त 2023 से 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने हेतु पहले दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय और बाद में ग्रीस की एक दिवसीय यात्रा पर रहेंगे।
अपनी यात्रा के प्रथम चरण में प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक रहेंगे।
वर्ष 2019 के बाद यह प्रथम व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार शिखर सम्मेलन, समूह द्वारा आरंभ की गई पहल की प्रगति की समीक्षा करने और भविष्य की गतिविधि के क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग में भी भाग लेंगे।
इसमें दक्षिण अफ्रीका द्वारा आमंत्रित अन्य देश भी शामिल होंगे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जोहान्सबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
प्रधानमंत्री की ग्रीस यात्रा:
दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री 25 अगस्त को ग्रीस की यात्रा पर जाएंगे। 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली ग्रीस यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी आपसी संबंधो को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर ग्रीस के प्रधानमंत्री काइरियाकोस मित्सोताकिस के साथ वार्ता करेंगे।
हाल के वर्षों में भारत ने ग्रीस के साथ अपने रिश्तों को विशेष महत्व देना आरंभ किया है। इसके पीछे एक वजह तुर्की का भारत विरोधी रवैया है। तुर्की हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता है।
दूसरी ओर, तुर्की और ग्रीस के मध्य आपसी संबंध ठीक नहीं हैं। ऐसे में भारत ग्रीस करीब आ रहे हैं।
ब्रिक्स का विस्तार 'ब्रिक्स प्लस’ के रूप में:
इस बार ब्रिक्स के नेताओं की अफ्रीकी देशों के साथ एक विशेष बैठक होने वाली है। इसके लिए दक्षिण अफ्रीका ने कुछ अफ्रीकी देशों को आमंत्रित किया है। जबकि ब्रिक्स संगठन के विस्तार को लेकर भी वार्ता होनी है। इसके लिए 'ब्रिक्स प्लस' नाम से एक अलग बैठक का आयोजन किया गया है।
भारत-ग्रीस संबंध:
भारत और ग्रीस के मध्य ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। हाल के समय में दोनों देश समुद्री यातायात, रक्षा, कारोबार व निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने को तैयार हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और ग्रीस के पीएम मित्सोताकीस के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भावी एजेंडे पर बात होगी। भारत कई तरह के हथियार ग्रीस को बेचने को तैयार है।
ईरान के ब्रिक्स में शामिल होने पर निर्णय:
18 अगस्त 2023 को पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से टेलीफोन पर वार्ता की। दोनो नेताओं के मध्य आपसी रिश्तों से जुड़े कई विषयों पर बात हुई है। विशेष कर चाबहार पोर्ट के उपयोग को बढ़ाने और इससे मध्य एशियाई देशों को कारोबार का नेटवर्क उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई है।
मोदी और रईसी की मुलाकात अगले हफ्ते ब्रिक्स बैठक के दौरान भी होगी। ईरान ब्रिक्स का सदस्य नहीं है, लेकिन उसको इसका नये सदस्य के तौर पर शामिल किये जाने पर अगले हफ्ते फैसला हो सकता है।
ब्रिक्स (BRICS):
ब्रिक्स विश्व की पाँच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं:- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह हेतु एक संक्षिप्त शब्द रूप है।
ब्रिक्स की चर्चा वर्ष 2001 में गोल्डमैन सैकस के अर्थशास्री जिम ओ’ नील द्वारा ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाओं हेतु विकास की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में की गई थी।
वर्ष 2006 में चार देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य बहस के अंत में विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठकों के साथ एक नियमित अनौपचारिक राजनयिक समन्वय आरंभ किया।
इसके पश्चात यह निर्णय लिया गया कि इसे वार्षिक शिखर सम्मेलन के रूप में देश और सरकार के प्रमुखों के स्तर पर आयोजित किया जाना चाहिये।
प्रथम ब्रिक शिखर सम्मेलन वर्ष 2009 में रूस के येकतेरिनबर्ग में हुआ और इसमें वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
ब्रिक्स देश वैश्विक आबादी का 41%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24% और वैश्विक व्यापार का 16% भाग प्रतिनिधित्व करता है।
यह सिर्फ पाँच देशों का एकीकृत प्लेटफॉर्म है। यह कोई अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन नहीं है, न ही इसे किसी संधि के तहत स्थापित किया गया है।
ब्रिक्स देशों के सर्वोच्च नेताओं का तथा अन्य मंत्रिस्तरीय सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किये जाते हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता प्रतिवर्ष B-R-I-C-S क्रमानुसार सदस्य देशों के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है।