प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय गहरे पानी वाले बहुउद्देशीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। विझिनजाम भारत का पहला समर्पित ट्रांसशिपमेंट और अर्ध-स्वचालित बंदरगाह है।
समारोह के दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी मौजूद थे।
विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय गहरे पानी वाले बहुउद्देशीय बंदरगाह को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) घटक के साथ एक जमींदार मॉडल में विकसित किया जा रहा है। इसे पीपीपी के डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीओएफटी) मॉडल पर बनाया जा रहा है।
बंदरगाह विकास में जमींदार मॉडल का मतलब है कि बंदरगाह प्राधिकरण जमींदार है। यह भूमि जिस पर बंदरगाह बना है और उस पर बने बुनियादी ढांचे का मालिक है।
निजी कंपनी माल डुलाई और भंडारण जैसे बंदरगाह संचालन का संचालन करती है।
अडानी और केरल सरकार का संयुक्त उद्यम
यहाँ पर बंदरगाह प्राधिकरण विझिनजाम इंटरनेशनल पोर्ट लिमिटेड है, जिसका स्वामित्व केरल सरकार के पास है।
निजी क्षेत्र अदानी विझिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड है।
अदानी विझिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड भारत के सबसे बड़े बंदरगाह डेवलपर अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) की एक सहायक कंपनी है जो अडानी समूह का हिस्सा है।
यह केरल सरकार की एक परियोजना है और केंद्र सरकार के विकसित भारत 2047 विजन का हिस्सा है।