प्रधानमंत्री ने एक करोड़ घरों में छत पर सौर पैनल स्थापित करने के उद्देश्य से "प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" शुरू करने के लिए 22 जनवरी को एक बैठक की अध्यक्षता की।
- प्रधान मंत्री सूर्योदय योजना 40 गीगावॉट छत सौर क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से एक नई पहल प्रतीत होती है।
भारत की वर्तमान क्षमता
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर 2023 तक सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट तक पहुँच गई है ,छत पर सौर ऊर्जा के लिए अतिरिक्त 11.08 गीगावॉट क्षमता शामिल है।
कुल सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ सूची में सबसे आगे है, इसके बाद 10.5 गीगावॉट के साथ गुजरात है। छत पर सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है।
सौर ऊर्जा भारत के लिए महत्वपूर्ण
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के नवीनतम विश्व ऊर्जा आउटलुक के अनुसार, अगले 30 वर्षों में भारत में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की ऊर्जा मांग में सबसे अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है।
- सौर ऊर्जा प्रचुर, नवीकरणीय और टिकाऊ है, जो इसे सभी भारतीयों के लिए उनकी दैनिक ऊर्जा खपत को पूरा करने के लिए ऊर्जा का एक आदर्श स्रोत बनाती है। यह भारत के लिए एक नई उम्मीद हो सकती है।
- सौर ऊर्जा कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकती है और भारत की योजना 2070 तक शुद्ध शून्य तक पहुंचने और 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक पहुंचाने की है।
रूफटॉप सोलर प्रोग्राम क्या है?
- यह योजना आवासीय क्षेत्र में भारत की छत सौर क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से 2014 में शुरू की गई थी।
- यह एमएनआरई दिशानिर्देशों के तहत पात्र परियोजनाओं को वित्तीय सहायता और डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- कार्यक्रम का लक्ष्य मार्च 2026 तक 40 जीएम की छत पर सौर स्थापित क्षमता हासिल करना है, और यह वर्तमान में अपने दूसरे चरण में है|