अंटार्कटिका में मैत्री-II स्टेशन का परिचालन जनवरी 2029 तक संभव
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
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4 min read
भारत सरकार ने पूर्वी अंटार्कटिका में मैत्री-II स्टेशन का परिचालन जनवरी 2029 तक पूर्ण होने की संभावना व्यक्त की है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने 21 दिसंबर 2023 को राज्यसभा में लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दी है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के अनुसार,भारतीय अनुसंधान आधार मैत्री II के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। इसके लिए प्रारंभिक स्थलाकृतिक सर्वेक्षण चल रहा है।
स्थलाकृतिक सर्वेक्षण के पूरा होने की निर्धारित समय का विवरण:
मुख्य योजना का विकास, सलाहकार की नियुक्ति आदि के लिए 18 महीने।
निविदा का मसौदा तैयार करना, अनुबंध देना आदि के लिए 18 महीने।
मुख्य भूमि पर पूर्वनिर्माण/खरीद, केप टाउन/अंटार्कटिका/भारतीय सीमा से मुख्य कार्यस्थल तक परिवहन आदि के लिए 18 महीने।
निर्माण कंपनी द्वारा अंटार्कटिका में भारतीय सीमा से मुख्य कार्यस्थल और निर्माण तक अंतिम घटकों का परिवहन के लिए 12 महीने।
मैत्री-II स्टेशन का निर्माण जनवरी 2029 तक पूर्ण होने की संभावना है।
नए अनुसंधान केंद्र की आवश्यकता क्यों?
भारत का वर्तमान अनुसंधान केंद्र 'मैत्री' काफी पुराना हो चुका है। ऐसी स्थिति में नया अनुसंधान केंद्र बनाना आवश्यक हो गया है।
प्रस्तावित परियोजना में अंटार्कटिका के लिए पर्यावरण प्रोटोकॉल के पालन और अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार की परिकल्पना की गई है।
अंटार्कटिका में भारत के अन्य अनुसंधान केंद्र:
वर्ष 1981 में शुरू हुए भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम ने 40 वैज्ञानिक एक्सपीडिशन नवंबर 2021 में ही पूर्ण किए हैं।
भारत ने अंटार्कटिका में तीन स्थायी अनुसंधान बेस स्टेशन का निर्माण किया है।
इनका नाम दक्षिण गंगोत्री (1983),मैत्री (1988) और भारती (2012) है।
वर्तमान में मैत्री और भारती पुर्णतः संचालित है। जबकि दक्षिण गंगोत्री की स्थिति काफी खराब है यह अब मात्र आपूर्ति स्टेशन बनकर रहा गया है।
गोवा में स्थित नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। एनसीपीओआर पूरे भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम का प्रबंधन करता है।
दक्षिण गंगोत्री (1983):
यह भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अंटार्कटिका स्थित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान बेस स्टेशन था। वर्तमान में दक्षिण गंगोत्रीकी स्थिति काफी खराब है और यह सिर्फ एक आपूर्ति स्टेशन बनकर रह गया है।
मैत्री (1988):
अंटार्कटिका में मैत्री भारत का दूसरा स्थायी अनुसंधान केंद्र है। इसका निर्माण वर्ष 1988 में पूर्ण हुआ था।
यह पथरीले पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित है जिसे ‘शिरमाकर ओएसिस’ कहा जाता है। मैत्री के चारों ओर एक मीठे पानी की झील भी बनाई गई है, जिसे प्रियदर्शनी झील के नाम से जाना जाता है।
भारती (2012):
यह भारत का नवीनतम अनुसंधान स्टेशन है। इसका निर्माण वर्ष 2012 में कठोर मौसम में शोधकर्त्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया गया है।
भारती भारत की पहली प्रतिबद्ध अनुसंधान सुविधा है।
भारती, मैत्री से करीब 3000 किमी. पूर्व में स्थित है।
FAQ
Answer:- जनवरी 2029
Answer:- मैत्री अनुसन्धान केंद्र के निकट मीठे जल की ‘प्रियदर्शनी झील’ स्थित है।
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