उड़िया वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक को कृषि एवं खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए नॉर्मन ई. बोरलॉग अवॉर्ड 2023 के लिए चुना गया है।
डॉ. स्वाति नायक को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित कई गणमान्य हस्तियों ने बधाई दी है।
अवार्ड किस क्षेत्र में दिया जाता है?
- अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक को ‘फील्ड रिसर्च एंड एप्लीकेशन’ के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड दिया गया है।
- 40 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों को दिए जाने वाले इस सम्मान को पाने वाली पहली उड़िया वैज्ञानिक हैं।
स्वाति नायक किस संस्थान से जुड़ी हैं?
- नायक, नयी दिल्ली स्थित आईआरआरआई में ‘सीड सिस्टम एंड प्रोडक्ट मैनेजमेंट’ के लिए दक्षिण एशिया प्रमुख हैं।
अवार्ड किसे दिया जाता है?
- यह पुरस्कार नोबल पुरस्कार विजेता एवं हरित क्रांति के प्रमुख डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग की स्मृति में 40 वर्ष से कम आयु के उन असाधारण वैज्ञानिकों को दिया जाता है, जो खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, भूख उन्मूलन के क्षेत्र में काम करते हैं।
डॉ. स्वाति नायक:
- दिल्ली में रहने वाली ओडिशा की वैज्ञानिक नायक को अगले महीने 22 से 28 अक्टूबर तक आयोवा (संयुक्त राज्य अमरीका) में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
- डॉ. स्वाति वर्तमान में अपने पति प्रियदर्शी बल के साथ नई दिल्ली में रह रही हैं। उनके पिता लक्ष्मीधर नायक और मां विजयलक्ष्मी नायक भुवनेश्वर में रहते हैं।
- नायक को एमिटी विश्वविद्यालय में कृषि विस्तार प्रबंधन रणनीति के लिए प्रतिस्पर्धी खुफिया और रणनीतिक प्रबंधन में पीएच.डी. (2017-2022) प्राप्त हुई।
नॉर्मन बोरलॉग फील्ड अवार्ड:
- वैश्विक कृषि में अपने काम के लिए वर्ष 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग ने इस पुरस्कार की कल्पना की थी।
- डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग को हरित क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं।
- विश्व खाद्य पुरस्कार 1986 में जनरल फूड्स कॉरपोरेशन के प्रायोजन से बनाया गया था।
- इसे "खाद्य और कृषि के लिए नोबेल पुरस्कार" के रूप में भी जाना जाता है।
- भारत की हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन 1987 में इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थे।