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एनएचएआई ने भारत में एनएच के "ग्रीन कवर इंडेक्स" के लिए एनआरएससी के साथ समझौता किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
NHAI Signs MoU With NRSC For "Green Cover Index" Of NH In India Transport 4 min read

एनएचएआई ने 3 जनवरी 2024 को भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के "हरित आवरण सूचकांक" के विकास और रिपोर्ट के लिए एनआरएससी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) के साथ तीन वर्ष की अवधि के लिए किया है। 

  • राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतर्गत कार्य करता है।

हरित राजमार्ग नीति के बारे में: 

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने सितंबर 2015 में ‘हरित राजमार्ग नीति’ की घोषणा की थी। इसका अनुसरण करते हुए राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन (एनजीएचएम) की शुरुआत की गई।
  • राष्ट्रीय हरित राजमार्ग गलियारा परियोजना (जीएनएचसीपी), एनजीएचएम के क्रियान्वयन तथा हरित एवं सुरक्षित परिवहन के प्रावधान का समर्थन करती है।
  • परियोजना का उद्देश्य राज्यों में सुरक्षित और जीएनएचसी का प्रदर्शन करना और हरित एवं सुरक्षित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एमओआरटीएच की क्षमता का विस्तार करना भी है।
  • 2015 से ही एमओआरटीएच और एनएचएआई द्वारा राजमार्ग गलियारों को हरित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। वर्तमान में, वृक्षारोपण की निगरानी क्षेत्रीय कर्मियों द्वारा स्थल के दौरे के माध्यम से की जाती है। परन्तु इस समझौते के बाद से मूल स्थान पर डेटा संग्रह को बढ़ाने और वृक्षारोपण प्रबंधन व निगरानी एनआरएससी द्वारा किया जाएगा। एनआरएससी द्वारा हाई-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी का उपयोग किया जाएगा।  
  • इसका संदर्भ "हरित आवरण सूचकांक" के रूप में दिया जाता है। यह नवोन्मेषी दृष्टिकोण एक मजबूत और विश्वसनीय व्यवस्था प्रदान करने की क्षमता रखता है। 
  • यह राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे हरियाली की गहनता का अनुमान करने में समय की बचत करने के साथ, लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है। यह उन क्षेत्रों में लक्षित कार्यक्रमों की सुविधा भी प्रदान करेगा, जहां पर्याप्त हरित आवरण की कमी है।

राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) के बारे में: 

  • यह इसरो, अंतरिक्ष विभाग के प्रमुख केंद्रों में से एक है। एनआरएससी का मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है। इसे उपग्रह डेटा प्राप्त करने के अलावा सुशासन के लिए भू-स्थानिक सेवाओं सहित सुदूर संवेदी अनुप्रयोगों के लिए तकनीकों के विकास के संदर्भ में भू-स्टेशन की स्थापना करने का अधिकार है। एनआरएससी ने पहले ही राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे हरित आवरण के आकलन के लिए कई सफल पायलट परियोजनाएं संचालित की है।
  • परियोजना का व्यापक प्रयास, पहले मूल्यांकन चक्र में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए क्षेत्र-वार हरित आवरण सूचकांक प्रदान करना है। 
  • इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए हरित आवरण के विकास पैटर्न का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

क्षेत्र-वार हरित आवरण सूचकांक से लाभ: 

  • सूचकांक के निष्कर्षों से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना और रैंकिंग का निर्धारण करने में आसानी होगी। 
  • जिससे समय पर और आवधिक हस्तक्षेप किये जा सकेंगे। 
  • राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रत्येक 1 किमी लंबाई के लिए हरित आवरण का अनुमान लगाया जाएगा। 
  • इससे व्यक्तिगत परियोजनाओं/पैकेजों के लिए भी विस्तृत माप रूपरेखा उत्पन्न करना संभव होगा। 
  • इससे राजमार्गों के हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने में एनएचएआई की महत्वपूर्ण भूमिका का मूल्यांकन किया जा सकेगा।

FAQ

Answer:- राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी)

Answer:- तीन वर्ष

Answer:- एनआरएससी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नियंत्रण में कार्य करता है।

Answer:- एमओआरटीएच ने सितंबर 2015 में ‘हरित राजमार्ग नीति’ की घोषणा की थी।
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