भारत सरकार लगभग 40,000 करोड़ रुपये की लागत से दूसरे विमान वाहक पोत के निर्माण के लिए भारतीय नौसेना के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती घुसपैठ और इसकी अनियंत्रित अवैध गतिविधियों के प्रतिक्रिया स्वरूप सरकार इस क्षेत्र पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के इरादे नई युक्तियों और प्रयासों पर काम कर रही है।
रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) की मंजूरी:
- रक्षा मंत्रालय की शाखा ‘रक्षा खरीद बोर्ड’ (डीपीबी) ने इस महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही सरकार दूसरे स्वदेशी विमान वाहक के तैयार करने का संकेत दे दिया है, जिसे आईएसी द्वितीय के नाम से जाना जाएगा।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) के द्वारा मंजूरी:
- इस खरीद का प्रस्ताव जल्द ही रक्षा मंत्रालय की खरीद पर शीर्ष संस्था रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) के समक्ष रखा जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली डीएसी की 30 नवंबर 2023 को बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में आईएसी-द्वितीय के प्रस्ताव की जाँच की जाएगी।
डीएसी एआईएफ हेतु 97 तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद पर करेगी विचार:
- डीएसी, 1.15 लाख करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए विमानों के अतिरिक्त बैच की खरीद के लिए भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।
भारत सरकार स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है:
- भारत सरकार, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मेक इन इंडिया पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में सेना में भी स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाए जाने वाले दूसरे विमानवाहक पोत के लिए सरकार के पास एक अहम प्रस्ताव भेजा है।
स्वदेशी विमानवाहक-2 (आईएसी-II):
- रक्षा मंत्रालय को दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण और अधिग्रहण के लिए प्राप्त प्रस्ताव को स्वदेशी विमानवाहक-2 (आईएसी-II) के नाम से जाना जाएगा।
आईएसी-II को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा तैयार किया जाएगा:
- आईएसी-II को सरकार से मंजूरी मिलने के उपरांत इसे केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के द्वारा तैयार किया जाएगा।
- स्वदेशी विमानवाहक-II के तैयार होने की प्रक्रिया में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के उत्पन्न होने की संभावना है।
आईएनएस विक्रांत (आईएसी-I):
- पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सितंबर 2022 में कोच्चि में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जलावतरण किया गया था। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में तैयार की गई इस विमानवाहक पोत की वैश्विक स्तर पर काफी सराहना की गई थी।
नौसेना को तीन और विमानवाहक पोत की आवश्यकता:
- भारतीय नौसेना के अनुसार, वर्तमान में नौसेना को तीन और विमानवाहक पोत की आवश्यकता है ताकि प्रत्येक तट पर कम से कम एक विमानवाहक पोत को तैनात रखा जा सके।
- तीन विमानवाहक पोतों के साथ, नौसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात सभी नौसेनाओं के साथ तालमेल बनाए रख सकेगी।
नौसेना को आईएनएस विक्रांत के लिए 26 नए राफेल लड़ाकू विमान भी प्राप्त होंगें। नौसेना स्वदेशी ट्विन इंजन डेक एल-आधारित लड़ाकू विमान भी खरीदने पर विचार कर रही है। जिसे तीनों विमानों पर तैनात करने के लिए बड़ी संख्या में निर्माण किए जाने का कार्य प्रस्तावित है।