पशुपालन और डेयरी विभाग 26 नवंबर 2023 को पशु चिकित्सा महाविद्यालय, गुवाहाटी के प्रांगण में "राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2023" मनाने का निर्णय लिया है। इस दिवस का आयोजन "भारत में श्वेत क्रांति के जनक" डॉ. वर्गीस कुरियन की 102वीं जयंती के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि:
- इस आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला होंगे।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण:
- इस कार्यक्रम के दौरान, नवीन प्रौद्योगिकियों, पशुधन उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी और पूर्वोत्तर (एनईआर) राज्यों के लिए चारा कार्यनीति तैयार करने पर विशेष जोर देने के साथ फ़ीड और चारे पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा।
ए-हेल्प कार्यक्रम का राज्य स्तरीय उद्घाटन:
- इस आयोजन में ए-हेल्प (पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिए अधिकृत एजेंट) कार्यक्रम का राज्य स्तरीय उद्धाटन भी निर्धारित है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2023 प्रदान किया जाएगा:
- यह कार्यक्रम राज्य पशुपालन विभाग, असम पशुधन विकास बोर्ड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2023 भी प्रदान किए जाएंगे।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस की पृष्ठभूमि:
- 1970 के दशक में भारत में दुग्ध उत्पादन काफी सीमित मात्रा में था। इस समस्या का निवारण करने हेतु डॉ. वर्गीस कुरियन के प्रयासों के फलस्वरूप देश में ऑपरेशन फ्लड आरंभ किया गया। ताकि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के साथ उत्पादन में वृद्धि भी लाई जा सके। जिसके फलस्वरुप भारत में तेजी के साथ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई और इसके परिणामस्वरूप भारत 1998 में विश्व का सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बन गया।
- डॉ. कुरियन के इस योगदान को देश में स्मरण करने के लिए 2014 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किया गया है कि 26 नवंबर देश में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
डॉ. वर्गीस कुरियन:
- डॉ. वर्गीस का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर, 1921 को हुआ था। डॉ. वर्गीस ने चेन्नई के लोयला कॉलेज से 1940 में विज्ञान में स्नातक किया और चेन्नई के ही जीसी इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
- डॉ. वर्गीस ने जमशेदपुर स्थित टिस्को में काम किया और बाद में डेयरी इंजीनियरिंग में अध्ययन करने के लिए भारत सरकार की ओर से छात्रवृत्ति मिलने के बाद बेंगलुरु के इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हसबेंड्री एंड डेयरिंग में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से 1948 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की, जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी एक विषय था।
- डॉ वर्गीस कुरियन वर्ष 1948 में अमेरिका से वापस भारत आकर सरकार के डेयरी विभाग में शामिल हो गए।
- मई 1949 में उन्हें गुजरात के आनंद में सरकारी अनुसंधान क्रीमरी में डेयरी इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया गया।
- इस दौरान 16 जुलाई 1965 को देश में राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन बोर्ड की स्थापना की गई जिसका चेयरमैन डॉक्टर वर्गीस कुरियन को बनाया गया था। वर्गीस कुरियन वर्ष 1965 से लेकर 1998 तक राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।
- वर्ष 2012 में वर्गीस कुरियन का निधन हो गया।