प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल तीन साल की अवधि के लिए 31 मार्च 2028 तक बढ़ा दिया है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का वर्तमान कार्यकाल 31 मार्च 2025 को समाप्त होना था।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की स्थापना 1994 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधान के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।
अधिनियम के प्रावधान के अनुसार राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल तीन वर्ष का था।
केंद्र सरकार ने 1997 और 2001 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम में संशोधन किया और इसका कार्यकाल तीन-तीन साल तक बढ़ा दिया।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 29 फरवरी 2004 को यह कानून ख़त्म हो गई और केंद्र सरकार ने इसे एक गैर-वैधानिक निकाय में बदल दिया ।
तब से सरकार ने समय-समय पर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल बढ़ाया है।
गैर-वैधानिक निकाय राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होते हैं।
अध्यक्ष का दर्जा केंद्रीय राज्य मंत्री के बराबर होता है।
अन्य सदस्यों और उपाध्यक्ष को भारत सरकार के सचिव के समकक्ष दर्जा प्राप्त है।
आयोग का मुख्यालय: नई दिल्ली
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग को मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार पर प्रतिबंध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधान के तहत अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी दी गई हैं।
आयोग के कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं:
मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार पर प्रतिबंध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत आयोग के कार्य इस प्रकार हैं: