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मनसुख मंडाविया: भारत 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद कर देगा

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Mansukh Mandaviya: India to stop importing urea by end of 2025 Agriculture 6 min read

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार भारत  2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद कर देगा। मंत्री के अनुसार भारत में  उर्वरक संयंत्रों के चालू होने के कारण स्वदेशी यूरिया उत्पादन के क्षमता में वृद्धि हो रही है जिसके कारण भारत 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद कर देगा।

भारत यूरिया का एक बड़ा आयातक है और अपनी 35 मिलियन टन वार्षिक यूरिया आवश्यकता का लगभग 30% आयात से पूरा करता है।

देश में यूरिया उत्पादन एवं आयात

देश में यूरिया उत्पादन 2014-15 में 225.08 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 284.95 लाख टन हो गया।

2022-23 में यूरिया का कुल आयात 75.8 लाख टन था, जो घरेलू मांग का लगभग 30% है। यूरिया के आयात के मुख्य स्रोत ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

यूरिया आयात ख़त्म करने की सरकार की रणनीति

सरकार ने यूरिया का आयात खत्म करने के लिए दोतरफा रणनीति अपनाई है। एक रणनीति देश में बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को पुनर्जीवित कर यूरिया की घरेलू आपूर्ति बढ़ाना है। दूसरी रणनीति किसानों को नैनो-तरल यूरिया जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

घरेलू उत्पादन बढ़ाना 

भारत सरकार ने स्वदेशी यूरिया उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई यूरिया नीति 2015 लागू की है।

नई यूरिया नीति के तहत, सरकार घरेलू यूरिया उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, तेलंगाना के रामागुंडम, ओडिशा के तालचर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी, में बंद उर्वरक संयंत्रों को पुनर्जीवित करने की योजना पर कार्य कर रही है। सरकार पहले ही चार संयंत्रों को पुनर्जीवित कर चुकी है और जल्द ही पांचवें को भी पुनर्जीवित करेगी। 

नैनो तरल यूरिया जैसे वैकल्पिक उर्वरक को बढ़ावा देना

  • मंत्री मंडाविया ने कहा कि सरकार नैनो तरल यूरिया और नैनो तरल डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठा रही है। ये उर्वरक फसलों और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं।
  • इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने 17 करोड़ बोतलों की क्षमता वाले कलोल (गुजरात), फूलपुर और उत्तर प्रदेश के आंवला में तीन नैनो यूरिया संयंत्र चालू किए हैं। नैनो यूरिया की एक 500 मिलीलीटर की एक बोतल पारंपरिक यूरिया के एक बैग (45 किलोग्राम) के बराबर होता है।
  • इफको ने अपने कलोल संयंत्र में डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का भी उत्पादन शुरू कर दिया है और कांडला और पारादीप में दो और संयंत्र चालू करने की योजना बना रही है। 
  • कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (सीआईएल) ने आंध्र प्रदेश में प्रति वर्ष 4 करोड़ बोतल (प्रत्येक 1 लीटर) की विनिर्माण क्षमता के साथ एक नैनो डीएपी उत्पादन सुविधा भी स्थापित की है।

धरती माता के पुनरुद्धार, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम' (पीएम-प्रणाम)

पृथ्‍वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरूकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ (पीएम-प्रणाम) राज्यों और संघ राज्‍य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्‍थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए 2023 में यह योजना शुरू की गई।

मंडाविया के अनुसार पांचवें संयंत्र के चालू होने के बाद यूरिया की वार्षिक घरेलू उत्पादन क्षमता लगभग 325 लाख टन तक पहुंच जाएगी, और साथ ही 20-25 लाख टन पारंपरिक यूरिया के उपयोग को नैनो तरल यूरिया से प्रतिस्थापित करने का भी लक्ष्य है।

उर्वरकों पर सब्सिडी

  • किसानों को बेचे जाने वाले उर्वरकों पर भारत सरकार द्वारा भारी सब्सिडी दी जाती है। भारत सरकार ने 2024-25 के लिए उर्वरक सब्सिडी के रूप में 1.64 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। संशोधित अनुमान के अनुसार 2023-24 में उर्वरक पर कुल सब्सिडी 1.89 लाख करोड़ रुपये थी।
  • यूरिया सब्सिडी योजना (यूएसएस) के तहत किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर यूरिया उपलब्ध कराया जाता है। एमआरपी और उत्पादन लागत के बीच का अंतर निर्माताओं को भुगतान किया जाता है।
  • इसके अलावा, पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति के तहत, किसानों को उचित मूल्य पर फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा वार्षिक/अर्ध-वार्षिक आधार पर सब्सिडी की एक निश्चित राशि अधिसूचित की जाती है।
  • यूरिया का आयात सरकारी खाते से किया जाता है। सभी डीएपी, एमओपी और एनपीके  पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के अंतर्गत आते हैं और उर्वरक कंपनियों द्वारा इन्हें व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य शर्तों पर आयात किया जाता है। 

FAQ

उत्तर: दिसंबर 2025 के अंत तक

उत्तर: मनसुख मांडविया

उत्तर : 75.8 लाख टन।

उत्तर: 1.64 लाख करोड़ रुपये
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