मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना के तहत नकद सहायता को 1000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की है।यह अतिरिक्त राशि लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में अक्टूबर 2023 से प्रति माह जमा किये जायेंगे।
भोपाल में लाडली बहना योजना कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं के लिए कुछ अन्य लाभों की घोषणा की।वे इस प्रकार हैं;
- लाडली बहना योजना के लाभार्थियों को बैंक से ऋण दिया जाएगा और ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
- औद्योगिक क्षेत्रों में उनके लिए जमीन भी आरक्षित की जाएगी और उन्हें घर बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त भूखंड मिलेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई अन्य घोषणाएँ
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% और शिक्षकों की भर्ती में 50% आरक्षण देने की भी घोषणा की।
- रक्षाबंधन के मौके पर लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये देगी सरकार।
- जो घर महिलाओं के नाम पर हैं, उन्हें अक्टूबर से बिजली के लिए केवल ₹100 का भुगतान करना होगा।
लाडली बहना योजना
लाडली बहना योजना की घोषणा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जनवरी 2023 में की गई थी। इसे मार्च 2023 में पूरे राज्यों में लागू किया गया था।
लाडली बहना योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना, उनके आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में निरंतर सुधार और परिवार में उनकी निर्णायक भूमिका को मजबूत करना है।
लाडली बहना योजना के पात्र :
- विधवा महिलाओं, परित्यक्त महिलाओं सहित मध्य प्रदेश में जन्मी और रहने वाली सभी विवाहित महिलाएं इस योजना के तहत पात्र हैं।
- महिला या उसके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम होगी।
- 22 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 21 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को भी योजना का लाभ मिलेगा।
- जिस वर्ष लाभार्थी महिलाएं योजना के तहत आवेदन करतीं है उनकी उम्र उस कैलेंडर वर्ष के 1 जनवरी को 21 वर्ष की आयु होनी चाहिए और साथ ही उनकी आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
मध्य प्रदेश में महिलाओं का स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्थिति
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 (2020-21) के अनुसार 23.0 प्रतिशत महिलाएं मानक बॉडी मास् इन्डेक्स से कम स्तर पर है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 (2020-21) अनुसार 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया का स्तर 54.7 प्रतिशत परिलक्षित हुआ है।
- सहभागिता दर में ग्रामीण क्षेत्र अन्तर्गत जहां 57.7 प्रतिशत पुरूष भागीदारी है वही मात्र 23.3 प्रतिशत महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी है।
- इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में 55.9 प्रतिशत पुरूषों के विरूद्ध केवल 13.6 प्रतिशत महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी रही है।