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एलसीए तेजस ने स्वदेशी अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
LCA Tejas successfully test-fires indigenous ASTRA missile Defence 5 min read

हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एलएसपी-7 तेजस ने 23 अगस्त, 2023 को गोवा के तट पर स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 

परीक्षण प्रक्षेपण की निगरानी एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के परीक्षण निदेशक और वैज्ञानिकों के साथ-साथ सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्दीनेस एंड सर्टिफिकेशन (सीईएमआईएलएसी) और वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन (डीजी-एक्यूए) महानिदेशालय के अधिकारियों द्वारा की गई थी।

हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस

एलसीए तेजस 4.5 पीढ़ी का, हर मौसम के लिए उपयुक्त और बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। इस विमान को एक बहुउद्देश्यीय विमान के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो आक्रामक हवाई समर्थन, नजदीकी युद्ध और जमीनी हमले की भूमिका आसानी से निभाने में सक्षम है। यह अपनी श्रेणी का  विश्व का सबसे हल्का, सबसे छोटा और टेललेस मल्टी-रोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। इसे भारतीय वायुसेना (आईएएफ़)और भारतीय नौसेना दोनों के उपयोग के लिए विकसित किया जा रहा है।

हल्के लड़ाकू विमान तेजस का विकास

भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू विमान विकसित करने का कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा 1984 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) की स्थापना के साथ शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट या एलसीए नाम दिया गया।

2003 में सरकार द्वारा हल्के लड़ाकू विमान का नाम बदलकर तेजस कर दिया गया

एलसीए के पहले टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (टीडी1) की ऐतिहासिक पहली उड़ान 04 जनवरी 2001 को हुई थी। विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है। इसे 1 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।

तेजस को शामिल करने वाली पहली आईएएफ़  स्क्वाड्रन नंबर 45 स्क्वाड्रन, 'फ्लाइंग डैगर्स' थी। मई 2020 में, नंबर 18 स्क्वाड्रन तेजस को संचालित करने वाली दूसरी भारतीय वायुसेना की इकाई बन गई।

तेजस एमके1(MK1) और एमके 2 (MK2) संस्करण

भारत सरकार द्वारा तेजस के दो संस्करण को मंजूरी दी गई है। एमके-1ए संस्करण पहले से ही उत्पादन में है और भारतीय वायु सेना ने 83 एलसीए एमके-1ए का ऑर्डर दिया है। एमके1ए संस्करण सोवियत द्वारा बनाए गए पुराने मिग-21 की जगह लेगा।

सरकार ने तेजस एमके2 के उन्नत संस्करण के विकास को भी मंजूरी दे दी है। यह एक मल्टीरोल विमान है जो एमके1ए से भी अधिक सक्षम और शक्तिशाली है। तेजस का नया एमके2 संस्करण पुराने पश्चिमी मूल के जगुआर, मिराज-2000 और रूसी मूल के मिग-29 की जगह लेगा।

अस्त्र मिसाइल

अस्त्र, एक अत्याधुनिक बीवीआर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो अत्यधिक कलाबाजी वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदने और नष्ट करने में सक्षम है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) और अन्य प्रयोगशालाओं द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।इसकी मारक क्षमता 110 किलोमीटर तक है।

इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जा रहा है। अस्त्र मिसाइल को एसयू 30 एमके-I (Su 30 MK-I )लड़ाकू विमान पर पूरी तरह से एकीकृत किया गया है। इसे हल्के लड़ाकू विमान (तेजस) के साथ भी एकीकृत किया जाएगा और भारतीय नौसेना मिग 29K लड़ाकू विमान पर मिसाइल को एकीकृत करेगी।

FAQ

उत्तर : हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल

उत्तर : 2003

उत्तर : नंबर 45 स्क्वाड्रन, 'फ्लाइंग डैगर्स'
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