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क्रिस्टालिना जॉर्जीवा को अगले 5 वर्षों के लिए पुनः आईएमएफ का एमडी नियुक्त किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Kristalina Georgieva re-appointed IMF MD for another 5 years term Appointment 10 min read

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्तमान प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा को  फिर से 5 साल के  नए कार्यकाल के लिए आईएमएफ के प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में नियुक्त किया है। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा का नया कार्यकाल 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होगा।

आईएमएफ के  प्रबंध निदेशक की नियुक्ति कैसे की जाती है?

आईएमएफ के  प्रबंध निदेशक की नियुक्ति आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड द्वारा की जाती है, जो मतदान या सर्वसम्मति के आधार पर प्रबंध निदेशक का चयन करता है। 2004 से आईएमएफ ने सर्वसम्मति के माध्यम से एक प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की नीति अपनाई है । इस वर्ष, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा इस पद के लिए नामांकित एकमात्र उम्मीदवार थीं।

एमडी पद के लिए उम्मीदवार को आईएमएफ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के गवर्नर या कार्यकारी निदेशक द्वारा नामित किया जा सकता है।

आईएमएफ का बोर्ड ऑफ गवर्नर्स

आईएमएफ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में एक गवर्नर और एक वैकल्पिक गवर्नर होता है। गवर्नर सामान्यतः सदस्य देश का वित्त मंत्री होता है। वैकल्पिक गवर्नर आमतौर पर सदस्य देश के केंद्रीय बैंक का गवर्नर होता है। इस प्रकार, वर्तमान वित मंत्री निर्मला सीतारमण, भारत के तरफ से आईएमएफ़ में  गवर्नर हैं, और आरबीआई के गवर्नर ,बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भारत के वैकल्पिक गवर्नर हैं। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक आम तौर पर साल में एक बार, सितंबर/अक्टूबर माह  में होती है।

आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के कार्य

कार्यकारी बोर्ड, आईएमएफ के दिन-प्रतिदिन के कार्य के संचालन के लिए जिम्मेदार है। कार्यकारी बोर्ड में 24 निदेशक होते हैं जो सदस्य देश या सदस्य देशों के समूहों द्वारा चुने जाते हैं।

प्रबंध निदेशक कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष होता है और आईएमएफ के परिचालन स्टाफ का भी प्रमुख होता है।

आईएमएफ में चार उप प्रबंध निदेशक भी होते हैं जो आईएमएफ के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में प्रबंध निदेशक की मदद करते हैं।

क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के बारे में

क्रिस्टालिना जॉर्जीवा बुल्गारिया की नागरिक हैं और उन्हें पहली बार 2019 में पांच साल के कार्यकाल के लिए आईएमएफ के एमडी के रूप में नियुक्त किया गया था। 

वह  इससे पहले विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रह चुकी हैं। वह विश्व बैंक समूह के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुकी हैं। 

उन्होंने यूरोपीय आयोग के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, मानवीय सहायता और संकट प्रतिक्रिया आयुक्त के रूप में भी काम किया है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक वैश्विक बहुपक्षीय बैंक है जिसे 27 दिसंबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था। आईएमएफ ने औपचारिक रूप से 1 मार्च 1947 को अपना संचालन शुरू किया। ब्रेटन वुड्स सम्मेलन, जिसे संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है का सम्मेलन, 1 जुलाई से 22 जुलाई 1944 तक ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया गया था।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक नई अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली पर सहमति के लिए भारत सहित 44 देशों ने सम्मेलन में भाग लिया। 

सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) जो बाद में विश्व बैंक समूह का हिस्सा बन गया, की स्थापना का निर्णय लिया गया था। क्योंकि आईएमएफ़ और विश्व बैंक की स्थापना का निर्णय ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में लिया गया था इसलिए आईएमएफ़ और विश्व बैंक को ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ बहनें भी कहा जाता है। 

भारत आईएमएफ का संस्थापक सदस्य देश है

आईएमएफ का कार्य

आईएमएफ की स्थापना कुछ प्रमुख उद्देश्यों के लिए की गई थी। जिसमे समय के अनुसार कुछ परिवर्तन भी आया है जिसके कुछ कार्य निम्नलिखित हैं:

विनिमय दर की निगरानी करना

ब्रेटन वुड्स सम्मेलन ने स्वर्ण मानक पर आधारित विनिमय दरों की एक प्रणाली स्थापित की थी । विनिमय दर वह दर है जिस पर किसी देश की मुद्रा का अमेरिकी डॉलर में विनिमय किया जाता है। 

इस मानक में, संयुक्त राज्य डॉलर को आरक्षित मुद्रा बनाया गया था, और अमेरिकी डॉलर के मूल्य को सोने के एक निश्चित  वजन पर तय किया गया था। आईएमएफ को इस विनिमय दरों की निगरानी का काम दिया गया ताकि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके और भुगतान संतुलन घाटे वाले देशों को आरक्षित मुद्रा उधार दी जा सके। इस विनिमय प्रणाली को 1973 में आईएमएफ द्वारा त्याग दिया गया था। इस प्रकार, वर्तमान में वैश्विक विनिमय दर की निगरानी करना आईएमएफ का कार्य नहीं है

सदस्य देशों को वित्तीय सहायता

  • आईएमएफ आर्थिक संकट या भुगतान संतुलन संकट का सामना कर रहे अपने सदस्य देशों को ऋण प्रदान करता है। भुगतान संतुलन संकट उस स्थिति को संदर्भित करता है जहां देश के पास अपने विदेशी ऋणों को चुकाने और अपने सामान्य आयात करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार नहीं होती है। 
  • आईएमएफ दुनिया की एकमात्र संस्था है जो ऐसे देशों को मदद प्रदान करती है। 
  • यह आर्थिक संकट झेल रहे सदस्य देशों को न केवल ऋण प्रदान करता है बल्कि उस देश में आर्थिक स्थिरता और विकास को बहाल करने के लिए  सदस्य देश को विशेष आर्थिक नीतियों को लागू करने की भी शर्त रखता है ताकि इस तरह का संकट दोबारा न हों।
  • यह सदस्य देशों में वित्तीय संकट आने से पहले और उसे रोकने के लिए भी सदस्य देशों को ऋण भी प्रदान करता है।

सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था की निगरानी करना

आईएमएफ नियमित रूप से अपने सदस्य देशों की आर्थिक और वित्तीय नीतियों की निगरानी करता है और उन्हें अच्छी नीतियां अपनाने की सलाह देता है।

विकास क्षमता मजबूत करना 

आईएमएफ सदस्य देशों की सरकारों को मजबूत आर्थिक नीतियों को लागू करने में मदद करने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह इस उद्देश्य के लिए सदस्य देशों के अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं को प्रशिक्षित करता है।

आईएमएफ में कोटा और वोटिंग अधिकार

वर्तमान में आईएमएफ़ के 190 सदस्य देश हैं। जब भी कोई सदस्य देश आईएमएफ़ में शामिल होता है, तो सदस्य देश को एक कोटा आवंटित किया जाता है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में उस देश की वर्तमान स्थिति के अनुरूप होता है।

कोटा को आईएमएफ की लेखा इकाई, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में दर्शाया जाता  है। 

सदस्य देश आवंटित एसडीआर खरीदकर कोटा की सदस्यता लेते हैं। बदले में, देश को मतदान का अधिकार आवंटित किया जाता है जो मोटे तौर पर उनके कोटा के अनुपात में होता है।

 वर्तमान में आईएमएफ़ में सबसे ज़्यादा कोटा-17.43%,संयुक्त राज्य अमेरिका का है। आईएमएफ में किसी देश का मतदान अधिकार उसके एसडीआर कोटा से निर्धारित होता है। इस प्रकार, संयुक्त राज्य अमेरिका, जिसके पास आईएमएफ में सबसे अधिक कोटा है, के पास सबसे अधिक मतदान अधिकार, 16.77% है। संयुक्त राज्य अमेरिका के पास आईएमएफ में वस्तुतः वीटो शक्ति है, क्योंकि आईएमएफ में प्रमुख निर्णय के लिए कम से कम 85% वोटों की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

भारत के पास ,आईएमएफ़ में आठवां सबसे बड़ा कोटा- भारत में आईएमएफ का कोटा 2,75% है। भारत का आईएमएफ़ में मतदान का मूल्य  2.63% है।

आईएमएफ का मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका।

आईएमएफ की लेखा इकाई: विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर)

आईएमएफ के पहले एमडी; स्वीडन के इवर रूथ, 1951-1956

महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म

आईएमएफ़ /IMF: इंटरनेशनल  मोनेटरी फ़ंड (International Monetary Fund)

एसडीआर /SDR: स्पेशल ड्राविंग राइट्स (Special Drawing Rights)

FAQ

उत्तर: पाँच वर्ष

उत्तर: बुल्गारिया

उत्तर: वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका।

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक को, इनको स्थापित करने का निर्णय 1944 में ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित ब्रेटन वुड्स सम्मेलन, जिसे संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है, में किया गया था।

उत्तर: विशेष आहरण अधिकार या एसडीआर

उत्तर: भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का संस्थापक सदस्य है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 27 दिसंबर 1945 को अस्तित्व में आया और 1 मार्च 1947 को इसका संचालन शुरू हुआ।
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